Edited By Ekta, Updated: 11 Apr, 2019 05:48 PM
आई.आई.टी. मंडी के शोधकर्ताओं ने हाईड्रोफोबिक कार्बन मैटीरियल्स को बेहतरीन कार्य प्रदर्शन वाले हाईड्रोफिलिक सुपर कैपेसिटर्स में बदल दिया है जिससे अब वर्टिकली एलाइंड कार्बन नैनोट्यूब्स से 102 गुना सघन ऊर्जा पाना मुमकिन हो गया है। यह शोध स्कूल ऑफ...
मंडी (ब्यूरो): आई.आई.टी. मंडी के शोधकर्ताओं ने हाईड्रोफोबिक कार्बन मैटीरियल्स को बेहतरीन कार्य प्रदर्शन वाले हाईड्रोफिलिक सुपर कैपेसिटर्स में बदल दिया है जिससे अब वर्टिकली एलाइंड कार्बन नैनोट्यूब्स से 102 गुना सघन ऊर्जा पाना मुमकिन हो गया है। यह शोध स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग आई.आई.टी. मंडी के एसोसिएट प्रोफैसर डा. विश्वनाथ बालकृष्णन और उनके रिसर्च स्कॉलर पीयूष अवस्थी ने हाल ही में किया है। उनका कहना है कि इस शोध से बैटरी जल्द चार्ज हो सकेगी। उन्होंने एलाइंड कार्बन नैनोट्यूब्स आधारित इलैक्ट्रोड का विकास किया है जिनसे बहुत उच्च क्षमता के एनर्जी सुपर कैपेसिटर बनेंगे। उनके शोध पत्र एडवांस्ड मैटीरियल इंटरफेस और ए.सी.एस. अप्लाइड नैनो मैटीरियल्स में प्रकाशित किए गए हैं।
आज ‘परफैक्ट’ बैटरी की तलाश में पूरी दुनिया में शोध हो रहे हैं ताकि यह (बैटरी) ज्यादा एनर्जी स्टोर करे, जल्द चार्ज हो जाए और बार-बार बखूबी चार्ज हो पर लगभग सभी इलैक्ट्रॉनिक्स डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप और इलैक्ट्रिक कार में भी लीथियम ऑयन बैटरियों का उपयोग किया जाता है जिनकी अपनी सीमाएं हैं। लीथियम ऑयन बैटरियों की एक सबसे बड़ी कमी इनके चार्ज होने में ज्यादा समय लगता है जिसके परिणामस्वरूप आपके इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस लंबे समय तक काम बंद कर देते हैं। इतना ही नहीं, ये बैटरियां अधिक टिकाऊ भी नहीं होती हैं। ऐसे में यह सोचना लाजिमी है कि काश हमारा एनर्जी स्टोरेज डिवाइस न केवल तुरंत एनर्जी देता बल्कि चार्ज भी फटाफट हो जाता।