Edited By Vijay, Updated: 27 May, 2023 05:25 PM

लेह मार्ग के बारालाचा में हिमपात के कारण फंसे 250 से अधिक लोगों को रैस्क्यू किया गया। लाहौल-स्पीति पुलिस व बीआरओ की टीम ने ईको टूरिज्म सोसायटी व होटल एसोसिएशन लाहौल-स्पीति के सहयोग से रैस्क्यू अभियान को अंजाम दिया। यह रैस्क्यू अभियान रात भर चला और...
केलांग (ब्यूरो): लेह मार्ग के बारालाचा में हिमपात के कारण फंसे 250 से अधिक लोगों को रैस्क्यू किया गया। लाहौल-स्पीति पुलिस व बीआरओ की टीम ने ईको टूरिज्म सोसायटी व होटल एसोसिएशन लाहौल-स्पीति के सहयोग से रैस्क्यू अभियान को अंजाम दिया। यह रैस्क्यू अभियान रात भर चला और सभी पर्यटकों को सुरक्षित केलांग पहुंचाया। हालात को देखते हुए शनिवार को बारालाचा सहित शिंकुला में वाहनों की आवाजाही बंद रही। दोपहर बाद जैसे ही 200 से अधिक वाहनों के बारालाचा दर्रे में हिमपात के चलते फंसे होने की सूचना मिली तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने सतर्कता दिखाते हुए सीता राम के नेतृत्व में रविशंकर, राजेंद्र, विनोद व तेंजिन को मौके पर भेजा।

रैस्क्यू किए कुछ पर्यटकों की हालत थी नाजुक
वहीं सूचना मिलते ही होटल एसोसिएशन व लाहौल-स्पीति ईको टूरिज्म सोसायटी के सदस्य भी बारालाचा दर्रे की ओर रवाना हुए। जिंगजिंगबार में बीआरओ के बचाव दल भी मौजूद मिले। रैस्क्यू टीम व सहयोगी सदस्यों ने अधिकतर पर्यटकों को आधी रात को रैस्क्यू कर लिया जबकि अन्य को सुबह सुरक्षित केलांग पहुंचाया। रात को रैस्क्यू किए कुछ पर्यटकों की हालत नाजुक थी, लेकिन समय पर केलांग अस्पताल पहुंच गए और कोई जानी नुक्सान नहीं उठाना पड़ा। ईको टूरिज्म सोसायटी के उपाध्यक्ष कलजंग ठाकुर ने कहा कि शुक्रवार शाम को पता चलते ही वह अपने 10 वाहनों में दर्रे की ओर रवाना हो गए। दोनों ओर ट्रैफिक जाम लगने से रैस्क्यू अभियान प्रभावित हुआ। डीसी लाहौल-स्पीति राहुल कुमार ने कहा कि सभी को सुरक्षित केलांग पहुंचा दिया है।
15 से 16 घंटे तक चला बचाव कार्य
जिला पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने जिले में आने वाले पर्यटकों से जिला प्रशासन व जिला पुलिस द्वारा मौसम के मद्देनजर समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की पालना करने का आग्रह किया है। बता दें कि गत सप्ताह के बाद यह इस प्रकार की दूसरी घटना है। लगभग 80 छोटे वाहन, 40 बाइकर्स और 350 बड़े वाहन ट्रैफिक जाम के कारण फंसे हुए थे। लगभग 130 मरीजों का आकलन किया और आवश्यक दवाइयां दीं। करीब 15-16 घंटों तक चले बचाव कार्य में अधिकतम गाड़ियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है, जिससे लगभग 250 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
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