Edited By prashant sharma, Updated: 09 Mar, 2021 11:22 AM
प्रदेश सरकार ने जहां जनता में अपनी छवि को चमकाने व आम जनमानस तक हर सुविधा पहुंचाने का जिम्मा अधिकारियों के कंधों पर दे रखा है। वहीं अधिकारी प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने व जनता के पैसों के दुरुपयोग को करके अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभा रहे...
ज्वालामुखी (नितेश) : प्रदेश सरकार ने जहां जनता में अपनी छवि को चमकाने व आम जनमानस तक हर सुविधा पहुंचाने का जिम्मा अधिकारियों के कंधों पर दे रखा है। वहीं अधिकारी प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने व जनता के पैसों के दुरुपयोग को करके अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभा रहे हैं। मामला उपमंडल ज्वालामुखी के एसडीएम कार्यालय ब्रांच से कोरोना काल में कोविड फंड से किराए पर ली गई टैक्सियों की लाखों रुपए की अदायगी सवालों के घेरे में आ गई है। इस गड़बड़झाले का मामला प्रकाश में आया है जो कि जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक शहर के वरिष्ठ समाजसेवी आरटीआई एक्टिविस्ट सूक्ष्म सूद द्वारा पत्र संख्या क्रमांक 9 में दी गई सूचना में इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है। कोरोना काल में जो भी टैक्सियां एसडीएम कार्यालय से किराए पर ली गईं उनके लिए कोई भी टेंडर काॅल नहीं किए गए। न ही कितनी कोटेशन ली गई, इसकी जानकारी दी गई और न ही समाचार पत्रों में कोई निविदा ली गई, जबकि लाखों रुपए की अदायगी गई है। इसके अलावा जो टैक्सियां कोरोना काल में किराए पर ली गईं उनके ड्राईवरों के नंबर एड्रेस भी आरटीआई में नहीं दिए गए। जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने इस संदर्भ में बताया कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने भरोसा दिया कि जैसे ही उनके ध्यान में यह मामला आता है तो वह जरूर इस पर कार्रवाई करेंगे।