सेना भर्ती में हिस्सा लेने वाले युवाओं को मिली राहत, अब नहीं करना होगा कोविड टेस्ट

Edited By prashant sharma, Updated: 19 Mar, 2021 03:56 PM

relief for the youth who took part in army recruitment

जिला के इंदिरा गांधी खेल स्टेडियम में चल रही सेना की खुली भर्ती में भाग लेने के लिए अब युवाओं को कोविड-19 के लिए सैंपलिंग करवाने की जरूरत नहीं होगी न ही उन्हें अब नेगेटिव रिपोर्ट का इंतजार करना होगा।

ऊना (अमित शर्मा) : जिला के इंदिरा गांधी खेल स्टेडियम में चल रही सेना की खुली भर्ती में भाग लेने के लिए अब युवाओं को कोविड-19 के लिए सैंपलिंग करवाने की जरूरत नहीं होगी न ही उन्हें अब नेगेटिव रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। अब सरकारी मेडिकल ऑफिसर द्वारा जारी किए गए फिटनेस सर्टिफिकेट के आधार पर ही युवा सेना भर्ती में भाग ले सकेंगे। गौरतलब है कि सेना भर्ती में भाग लेने वाले युवाओं के लिए कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी। जिसके चलते वीरवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला से रिकॉर्ड 14 सौ लोगों की सैंपलिंग की गई थी। हालांकि इस दौरान करीब 2 दर्जन युवा संक्रमित पाए गए थे, जिन्होंने मात्र सेना भर्ती के लिए अपनी सेंपलिंग करवाई थी। वही सेंपलिंग के लिए उमड़ रही हजारों युवाओं की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने फैसला बदलते हुए अब युवाओं की स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें महज फिटनेस सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था की है। शुक्रवार को जिला मुख्यालय के रीजनल अस्पताल में सेना भर्ती के लिए कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट और फिटनेस सर्टिफिकेट पाने के लिए सैकड़ों युवा कतारों में खड़े दिखाई दिए। 

जिला मुख्यालय के इंदिरा स्टेडियम में चल रही खुली सेना भर्ती के दौरान अब युवाओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य नहीं होगा। जिला में सैंपलिंग के लिए तय किए गए स्थानों पर उमड़ रही सैकड़ों युवाओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने अब युवाओं को फिटनेस सर्टिफिकेट देकर ही सेना भर्ती में भाग लेने की छूट प्रदान की गई है। हालांकि वीरवार को जिला में सेना भर्ती के चलते ही रिकॉर्ड सैंपलिंग की गई थी जिसमें करीब 14 सौ लोगों की टेस्टिंग की गई। वीरवार को पेश आई भारी परेशानी के चलते जिला प्रशासन ने फौरन फैसले को बदलते हुए अब युवाओं को सेना भर्ती में भाग लेने के लिए एसिंप्टोमेटिक सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है। इस आशय की पुष्टि करते हुए सीएमओ ऊना डॉ. रमन शर्मा ने कहा कि इस सर्टिफिकेट में युवाओं को पूरी तरह से फिट दर्शाया जाएगा ताकि वह सेना भर्ती में भाग ले सकें। हालांकि इस सर्टिफिकेट के लिए युवाओं को महज इस स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए दो टीमों को सेना भर्ती स्थल के बाहर भी तैनात कर दिया है। जबकि रीजनल अस्पताल के अलावा सिविल अस्पतालों में भी युवाओं को फिटनेस सर्टिफिकेट देने के लिए मेडिकल ऑफिसर को दायित्व सौंपा गया है। 

सेना भर्ती में भाग लेने के लिए वीरवार को कोविड-19 की सैंपलिंग करवाने आए युवकों में से करीब दो दर्जन युवाओं को पॉजिटिव पाया गया था। हालांकि इसके चलते युवाओं से अब रोजगार पाने का एक मौका जरूर छिन गया है। वीरवार को संक्रमित पाए गए सेना भर्ती में जाने के इच्छुक अधिकतर युवा एसिंप्टोमेटिक थे। लेकिन शुक्रवार से फैसले में बदलाव करते हुए केवल फिटनेस सर्टिफिकेट देने के लिए जो व्यवस्था लागू की गई है। वह हजारों लोगों पर भारी भी पड़ सकती है। सीएमओ डॉक्टर मेजर रमन शर्मा से जब इस संबंध में बातचीत की गई तो वो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि युवाओं की स्क्रीनिंग के बाद ही फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। ऐसे में प्रश्न यह है कि एसिंप्टोमेटिक युवाओं को अब आसानी से फिटनेस सर्टिफिकेट मिल सकता है और वह भर्ती रैली में जाकर अन्य अभ्यर्थियों और सैन्य अधिकारियों के लिए भी बड़ा खतरा बन सकते हैं।
 

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