हिमाचल में 1 जून से नहीं चलेंगी प्राइवेट बसें, जानिए क्या है वजह

Edited By Vijay, Updated: 24 May, 2020 06:34 PM

private buses will not run in himachal from june 1

हिमाचल में 1 जून से प्राइवेट बस ऑप्रेटर्ज बसें नहीं चलाएंगे। परिवहन सेवा के लिए प्रदेश में यात्रियों को एचआरटीसी बस सेवा पर ही निर्भर रहना होगा। प्रदेश निजी बस ऑप्रेटर संघ ने कैबिनेट में सरकार द्वारा 60 प्रतिशत यात्रियों के साथ बसें चलाने का कड़ा...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल में 1 जून से प्राइवेट बस ऑप्रेटर्ज बसें नहीं चलाएंगे। परिवहन सेवा के लिए प्रदेश में यात्रियों को एचआरटीसी बस सेवा पर ही निर्भर रहना होगा। प्रदेश निजी बस ऑप्रेटर संघ ने कैबिनेट में सरकार द्वारा 60 प्रतिशत यात्रियों के साथ बसें चलाने का कड़ा विरोध किया है। वहीं सरकार को चेतावनी भी दी है कि जब तक सरकार प्रदेश के प्राइवेट बस ऑप्रेटर्र्ज को बैठक के लिए नहीं बुलाती तब तक प्रदेश में प्राइवेट बसें नहीं चलाई जाएंगी। यह निर्णय रविवार को प्रदेश निजी बस ऑप्रेटर संघ की ऑनलाइन हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता संघ अध्यक्ष राजेश पराशर ने की, जिसमें उन्होंने सभी बस ऑप्रेटर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग कर बसों को चलाने पर विचार-विमर्श किया।

निजी बस ऑप्रेटर्ज से सौतेला व्यवहार कर रही सरकार

बैठक के बाद संघ प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि यह निर्णय जिला की यूनियन के निवेदन पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार ने 1 जून से प्रदेश में सभी बसें चलाने का फरमान जारी किया है, जिससे निजी बस ऑप्रेटर्ज सहमत नहीं हैं। बैठक में सभी ऑप्रेटर्ज ने आरोप लगाया कि हिमाचल सरकार निजी बस ऑप्रेटर्ज से सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 60 प्रतिशत क्षमता में बसें चलाना मुमकिन नहीं है। सरकार ने 60 प्रतिशत क्षमता में बसें चलाने का फरमान तो जारी कर दिया है लेकिन निजी बस ऑप्रेटर को कोई राहत देने की घोषणा नहीं की है, जिस कारण निजी बस ऑप्रेटर्ज अपनी बसें चलाने में असमर्थ हैं।

एचआरटीसी और निजी बस ऑप्रेटर के साथ हो समान व्यवहार

संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि सरकार एचआरटीसी और निजी बस ऑप्रेटर को अलग-अलग पहलू में तोल रही है जबकि एचआरटीसी भी एक ऑप्रेटर है और निजी बस ऑप्रेटर भी एक ऑप्रेटर इसलिए सरकार को चाहिए कि दोनों के साथ समान व्यवहार करें। प्रदेश में कुछ निजी बस ऑप्रेटर ऐसे भी हैं, जिनकी मात्र रोजी-रोटी का साधन ही बसें हैं, जब 60 प्रतिशत क्षमता में बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है तो वह निजी बस ऑप्रेटर बिल्कुल ही कंगाल हो जाएगा, जिसका परिवार मात्र बस से चल रहा हो इसलिए इस व्यापार को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार को चाहिए कि वह बैंक से बिना ब्याज एवं कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराए या कोई सरकारी राहत निजी बस ऑप्रेटर्ज को दे।

बसें न चलाने पर 150 निजी बस ऑप्रेटर्ज ने जताई सहमति

प्राइवेट बसें न चलाने पर सभी ऑप्रेटर्ज ने सहमति जताई है। बैठक में सिरमौर जिला के प्रधान मामराज शर्मा, शिमला सिटी निजी बस ऑप्रेटर यूनियन के महासचिव सुनील चौहान, अमित चड्ढा, कुल्लू के भूपेश नंदन, चंदन करीर, वीरेंद्र कंवर, रामपुर से कुलवीर सिंह गिल, शिमला से अनिल वर्मा, चम्बा से नरेश महाजन और रवि महाजन, ऊना से दिनेश सैनी, कांगड़ा से अजय परिहार, अखिल सूद, बिलासपुर से अनिल मिंटू सहित लगभग 150 निजी बस ऑप्रेटर्ज ने भाग लिया।

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