Edited By Vijay, Updated: 05 Oct, 2024 11:15 AM
हिमाचल प्रदेश में कम विद्यार्थियों वाले और स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी है। इसके लिए सीनियर सैकेंडरी स्तर पर 25 से कम विद्यार्थी, हाई स्कूल स्तर पर 20 से कम विद्यार्थी और मिडल स्तर पर...
शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश में कम विद्यार्थियों वाले और स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी है। इसके लिए सीनियर सैकेंडरी स्तर पर 25 से कम विद्यार्थी, हाई स्कूल स्तर पर 20 से कम विद्यार्थी और मिडल स्तर पर 10 से कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों की सूची मांगी गई है। सूची आने के बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट मंत्रिमंडल की बैठक में रखी जाएगी। इसके बाद मंत्रिमंडल से इन स्कूलों को मर्ज करने की अनुमति मिलती है तो फिर इन्हें मर्ज किया जाएगा। इससे पूर्व प्रदेश ने 500 स्कूलों को पहले ही मर्ज कर दिया है। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों की सूची मांगी गई है।
गुणात्मक शिक्षा के लिए सभी राज्यों की अच्छी नीतियों को अपनाएंगे : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं देश में जहां भी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम होगा, उसका हिमाचल अनुसरण करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा के लिए सभी राज्यों की अच्छी नीतियों को अपनाएंगे। हाल ही में उन्होंने उत्तर प्रदेश का दौरा किया है। यहां पर आयोजित एक कान्क्लेव के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इस बारे में चर्चा की है। उन्होंने कहा कि जल्द केरल का भी दौरा किया जाएगा और केरल की अच्छी नीतियों को भी अपनाने की कोशिश की जाएगी। दोनों राज्यों के शिक्षा में गुणात्मक कार्यों के आदान-प्रदान पर सहमति बनी है।
नियमों के बाहर जाकर कोई भी भर्ती नहीं होगी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एनटीटी की भर्तियों के लिए एनसीटीई के नियमों का पालन किया जाएगा। एनसीटीई नियमों में अगर 2 वर्ष का डिप्लोमा अनिवार्य है तो फिर 2 वर्ष का डिप्लोमा ही अनिवार्य रहेगा। नियमों के बाहर जाकर कोई भी भर्ती नहीं होगी।
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