Edited By Vijay, Updated: 24 Jun, 2025 08:52 PM

साइबर अपराध की दुनिया में लगातार बढ़ते कदमों पर हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना की बंगाणा पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस अधिकारी ने इंगलैंड में बैठे एक युवक की पहचान कर उसके विरुद्ध लुकआऊट नोटिस जारी कर दिया है।
बड़ूही (अनिल): साइबर अपराध की दुनिया में लगातार बढ़ते कदमों पर हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना की बंगाणा पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस अधिकारी ने इंगलैंड में बैठे एक युवक की पहचान कर उसके विरुद्ध लुकआऊट नोटिस जारी कर दिया है। यह युवक हिमाचल के प्रतिष्ठित व्यवसायी से 50 लाख रुपए की फिरौती मांगने और जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोपों में फंसा है।
जानकारी के अनुसार बंगाणा क्षेत्र के जाने-माने व्यवसायी विनोद कुमार सेंटी को बीते कुछ समय से एक अनजान अंतर्राष्ट्रीय नंबर से लगातार फोन कॉल्स और मैसेज आ रहे थे। इन कॉल्स में उनसे 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी जा रही थी और पैसे न देने पर जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही थी। इस मामले की शिकायत विनोद कुमार ने तुरंत पुलिस में की, जिसके बाद पुलिस ने तकनीकी जांच आरंभ की और बड़ी सफलता हासिल करके आरोपी युवक को लुकआऊट नोटिस जारी किया।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी इंग्लैंड में रह रहा है और उसने स्टडी वीजा के तहत वहां प्रवेश लिया था। शुरू में पुलिस को संदेह था कि यह कोई लोकल शरारती तत्व हो सकता है, परंतु कॉल रिकॉर्डस, आईपी एड्रैस ट्रैकिंग और सोशल मीडिया निगरानी के जरिए जब गहराई से जांच की गई तो पता चला कि यह व्यक्ति इंग्लैंड में रहकर भारत के भीतर कई लोगों को निशाना बना रहा है। आशंका जताई जा रही है कि आरोपी युवक का संबंध एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर क्राइम नैटवर्क से है, जो भारत सहित अन्य देशों में भी इस प्रकार के अपराधों को अंजाम दे रहा है। आरोपी युवक के पास भारतीय नागरिकता है और वह हाल ही में शिक्षा के नाम पर विदेश गया था।
एसपी ऊना अमित यादव ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित केंद्रीय एजैंसियों और विदेश मंत्रालय से समन्वय स्थापित किया गया है। जिला ऊना में अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे अपराधी देश में हो या विदेश में, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता। उधर, बंगाणा उपमंडल थाना के प्रभारी रोहित चौधरी के नेतृत्व में गठित एक विशेष टीम ने इस केस पर दिन-रात मेहनत कर आरोपी की लोकेशन ट्रैक की। कॉल ट्रेसिंग, डार्क वैब निगरानी, सोशल मीडिया स्कैनिंग जैसे उन्नत तरीकों की सहायता से पुलिस को आरोपी की सटीक लोकेशन इंगलैंड में पता चली।
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