Edited By Vijay, Updated: 26 Sep, 2024 05:03 PM
महर्षि वाल्मीकि गुरु रविदास यूथ एकता महासभा के पदाधिकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किए मामले के विरोध में वीरवार को विभिन्न वाल्मीकि एवं दलित समाज ने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया।
ऊना (विशाल): महर्षि वाल्मीकि गुरु रविदास यूथ एकता महासभा के पदाधिकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किए मामले के विरोध में वीरवार को विभिन्न वाल्मीकि एवं दलित समाज ने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर पंजाब से विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। दोनों समुदायों ने उक्त मामले को निरस्त करने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है और ऐसा न होने की सूरत में चक्का जाम करने का ऐलान किया है।
जिला मुख्यालय पर एमसी पार्क से मिनी सचिवालय तक रोष रैली निकाली गई और नारेबाजी की गई। मिनी सचिवालय में डीसी ऊना जतिन लाल और एसपी ऊना राकेश सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए एफआईआर निरस्त करने की मांग की गई एवं वाल्मिकी एवं दलित समाज के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र शब्द प्रयोग करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग उठाई गई। वीरवार को एमसी पार्क में दोनों समुदायों के काफी संख्या में लोग एकत्रित हुए और महर्षि वाल्मीकि गुरु रविदास यूथ एकता महासभा के पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुए मामले को निरस्त करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया। कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे और कार्रवाई की मांग उठाई। एमसी पार्क से रोष रैली निकालते हुए नारेबाजी के बीच सभी प्रदर्शनकारी मिनी सचिवालय पहुंचे जहां उन्होंने डीसी व एसपी ऊना को ज्ञापन सौंपा और एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया।
किसी भी टकराव को रोकने के लिए पुलिस बल भी तैनात रहा। एसपी राकेश सिंह ने स्वयं भी एमसी पार्क पहुंचकर हालातों का जायजा लिया और प्रदर्शनकारियों से बात करते हुए शांतिपूर्ण विरोध करने का आग्रह किया था ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। वहीं एएसपी संजीव भाटिया, एएसपी सुरेन्द्र शर्मा, डीएसपी अजय ठाकुर, डीएसपी मोहन रावत, एसएचओ मनोज वालिया भी पुलिस फोर्स के साथ किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तैनात रहे।
ये है मामला
गौरतलब है कि हरोली उपमंडल के निवासी युवक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें वाल्मिकी समाज के प्रति असभ्य शब्द कहे गए थे। इसको लेकर महर्षि वाल्मीकि गुरु रविदास यूथ एकता महासभा के पदाधिकारियों ने आपत्ति जताई और हरोली थाना में शिकायत दी। इसके बाद उक्त युवक के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया। इसी बीच महासभा के पदाधिकारियों ने आरोपी युवक को पकड़कर पैदल ले जाते हुए प्रशासन के हवाले किया जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग कर दी गई, जिसके बाद बवाल शुरू हो गया। सवर्ण समाज सहित कुछ अन्य संस्थाओं ने इसको लेकर जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और इसको कानून हाथ में लेना बताया गया।
सवर्ण समाज के वक्ताओं का कहना था कि आरोपी युवक पर पुलिस कार्रवाई बिल्कुल ठीक की गई है लेकिन महासभा के पदाधिकारियों को पैदल जाते हुए युवक को बेइज्जत नहीं करना चाहिए था क्योंकि उस पर कार्रवाई करने का अधिकार पुलिस के पास है क्योंकि उस पर पहले ही मामला दर्ज था। इसके बाद आरोपी युवक के पिता की शिकायत पर महासभा के पदाधिकारियों पर आरोपी युवक से मारपीट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। इसके बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया और प्रशासन को बीएनएस की धारा 163 तक लगानी पड़ गई।
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