Edited By kirti, Updated: 03 Apr, 2020 08:40 AM
डॉक्टरों के निर्देश हैं कि मरीजों को दवाइयां दिखाकर ही दें, लेकिन अब लोगों ने डॉक्टरों के निर्देश ठंडे बस्ते में डाल दिए हैं। लोग डाक्टरों से अब कुछ नहीं पूछ रहे हैं। अब लोग कफ्र्यू के दौरान दी जा रही 3 घंटे की ढील के दौरान सीधे कैमिस्टों..
शिमला : डॉक्टरों के निर्देश हैं कि मरीजों को दवाइयां दिखाकर ही दें, लेकिन अब लोगों ने डॉक्टरों के निर्देश ठंडे बस्ते में डाल दिए हैं। लोग डाक्टरों से अब कुछ नहीं पूछ रहे हैं। अब लोग कफ्र्यू के दौरान दी जा रही 3 घंटे की ढील के दौरान सीधे कैमिस्टों की दुकानों से दवाइयां ले रहे हैं और मरीजों को खिला रहे हैं यह लापरवाही कभी भी मरीजों पर भारी पड़ सकती है। लोगों का कहना है कि चिकित्सकों तक मरीजों को पहुंचने ही नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में दर्द को कम करने के लिए कैमिस्टों से दवाइयां लेना उनकी मजबूरी है। कई लोग ऐसे हैं जिन्हें पता नहीं चलता कि कौन-सी दवाई कब लेनी है। खासकर इन लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। इन दिनों स्वास्थ्य विभाग और सरकार भी मरीजों के हितों में कोई निर्णय नहीं ले रही है।
सरकार और विभाग सिर्फ यही निर्देश दे रहे हैं कि लोग घर पर रहें। जो लोग बीमार हैं, वे घर पर कैसे रह सकते हैं। सरकार को मरीजों के लिए तो कुछ छूट देनी चाहिए थी, ताकि वे दवाइयां तो सही से ले पाते। लोग इन दिनों दवाइयां लेने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। सांस लेने में दिक्कत वाले मरीजों के तो घर पर ही दम घुट रहे हैं वहीं कैंसर वाले मरीजों की दिक्कतें भी काफी बढ़ चुकी हैं। ये ऐेसे मरीज हैं, जोकि न तो अस्पताल में आ पा रहे और न ही घर पर ठीक से रह रहे हैं। इनके टैस्ट होना तो दूर की बात है, लेकिन दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं।