असर रिपोर्ट में खुलासा, सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक कम पढ़े-लिखे

Edited By Vijay, Updated: 05 Nov, 2020 11:41 PM

parents of children studying in government schools are less educated

हिमाचल प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के अभिभावकों की शिक्षा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्र सरकार की ओर से जारी असर रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक कम पढ़े-लिखे हैं।

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के अभिभावकों की शिक्षा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्र सरकार की ओर से जारी असर रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक कम पढ़े-लिखे हैं। इसके अनुसार सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के 4.2 प्रतिशत पिता बिल्कुल भी पढ़े-लिखे नहीं हैं जबकि पहली से 5वीं तक की कक्षा के 11 प्रतिशत पिता, छठी से 8वीं तक 19.2 प्रतिशत पिता, 9वीं व 10वीं कक्षा के बच्चों के 32.4 प्रतिशत पिता, जमा-1 के बाद की शिक्षा लेने वाले 33.2 प्रतिशत पिता पढ़े-लिखे हैं।

इसके अलावा निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के पिता की शिक्षा के अनुपात के अनुसार हिमाचल में 0.6 प्रतिशत पिता पढ़े-लिखे नहीं हैं जबकि पहली से 5वीं कक्षा तक पढऩे वालेपिता 1.3 प्रतिशत हैं और छठी से 8वीं तक 5.9 प्रतिशत, 9वीं व 10वीं तक 28.1 प्रतिशत पिता पढ़े हैं। जमा-1 के बाद निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले पिताओं की संख्या 64.2 प्रतिशत है। इसके अलावा प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों को मिलाकर अपने बच्चों को पढ़ाने वाली 5.4 प्रतिशत माताएं बिल्कुल पढ़ी-लिखी नहीं हैं। इसके अलावा पहली से 5वीं तक 8.4 प्रतिशत, छठी से 8वीं तक की कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों की 15.4 प्रतिशत माताएं, 9वीं व 10वीं तक के बच्चों की 27.1 प्रतिशत माताएं, जमा-1 के बाद की शिक्षा लेने वाले बच्चों की 43.9 प्रतिशत माताएं पढ़ी-लिखी हैं।

निजी व सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले पिता की संयुक्त अनुपात के अनुसार 2.7 प्रतिशत पिता बिल्कुल पढ़े-लिखे नहीं हैं जबकि 6.8 प्रतिशत पहली से 5वीं कक्षा तक पढऩे वाले पिता का रिकॉर्ड है, 13.5 प्रतिशत पिता छठी से 8वीं तक पढ़े-लिखे हैं। इसके अलावा 9वीं व 10वीं तक 30.6 प्रतिशत पिता पढ़े-लिखे हैं जबकि हायर एजुकेशन लेने वाले 46.5 प्रतिशत पिता हैं।

आंकड़ों के अनुसार सरकारी स्कूल में जमा-1 से ज्यादा शिक्षा लेने वाली 27.4 प्रतिशत ही माताएं हैं, वहीं कुल 33.2 प्रतिशत पिता ही उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले हैं। निजी स्कूल के साथ इस आंकड़े को देखें तो निजी स्कूल के अभिभावकों की उच्च शिक्षा लेने की प्रतिशतता अधिक है। निजी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाली 66.2 प्रतिशत माताएं पढ़ी-लिखी हैं। इसके साथ ही 64.2 प्रतिशत पिता उच्च शिक्षित हैं। इसके तहत निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की माताएं ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं।

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की 8.4 प्रतिशत माताएं बिल्कुल पढ़ी-लिखी नहीं हैं, वहीं 1.4 प्रतिशत निजी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावक अनपढ़ हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के 4.2 प्रतिशत पिता अनपढ़ हैं जबकि निजी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले 0.6 प्रतिशत पिता ने शिक्षा नहीं ली है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सरकारी स्कूल के छात्रों की 12.9 प्रतिशत माताओं ने कक्षा एक से 5वीं तक शिक्षा ग्रहण की है। छठी से 8वीं तक 23.0 प्रतिशत, 9वीं से 10वीं तक 28.3, जमा-1 से ज्यादा पढऩे वाले छात्रों की 27.4 प्रतिशत माताएं पढ़ी-लिखी हैं।

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