Edited By Kuldeep, Updated: 25 Dec, 2025 09:34 PM

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 7000 पद खाली पड़े हैं, हालांकि इस दौरान राज्य चयन आयोग से टीजीटी के एक हजार से अधिक पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई।
शिमला (ब्यूरो): प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 7000 पद खाली पड़े हैं, हालांकि इस दौरान राज्य चयन आयोग से टीजीटी के एक हजार से अधिक पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई। राजकीय टीजीटी कला संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि 31 जुलाई 2025 तक शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य के 900 पद, मुख्याध्यापक के 75 पद, प्रवक्ता वर्ग में करीब 2700 पद, प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी) कला के 510 पद, मैडीकल के 270 पद तथा नॉन-मैडीकल के 538 पद रिक्त हैं। भाषा अध्यापक के 31 पद, कला अध्यापक के 339 पद, शारीरिक शिक्षक के 870 पद, शास्त्री के 737 पद, उर्दू अध्यापक के 13 पद, और पंजाबी भाषा अध्यापक के 17 पद मिलाकर अभी तक 7000 पद रिक्त हैं।
संघ का कहना है कि पिछले तीन वर्ष में 6000 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं और मार्च 2026 में करीब 5000 शिक्षक सेवानिवृत्त होने का अनुमान है। इसके अलावा 2 वर्ष से प्रिंसीपल प्रमोशन, जेबीटी और सी एंड वी से टीजीटी प्रमोशन भी लंबित है। 749 टीजीटी को प्रवक्ता प्रमोशन नहीं मिली है। टीजीटी कैडर में 1318 भर्तियां जारी हैं। शिक्षकों का कहना है कि अप्रैल तक टीजीटी और प्रवक्ता के हजारों पद एक साथ रिक्त होने से स्कूलों में स्टाफ की कमी बढ़ जाएगी।