Edited By Ekta, Updated: 13 Feb, 2019 02:20 PM
प्रश्नकाल के बाद शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने सरकार से पूछा कि विधायक निधि के पैसे से पांवटा प्रशासन ने एडवांस में ही अप्रैल 2019 के चेक कैसे दे दिए। विधायक निधि के 24 लाख पेंडिंग है उसको भी खत्म करने की कोशिश की जा रही है ऐसा क्यों?...
शिमला (योगराज): प्रश्नकाल के बाद शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने सरकार से पूछा कि विधायक निधि के पैसे से पांवटा प्रशासन ने एडवांस में ही अप्रैल 2019 के चेक कैसे दे दिए। विधायक निधि के 24 लाख पेंडिंग है उसको भी खत्म करने की कोशिश की जा रही है ऐसा क्यों? मुख्यमंत्री ने इस पर सफाई दी कि ये क्लेरिकल व टाइपिंग मिस्टेक है। ये डीसी ने माना है इसको दुरुस्त किया जाएगा। बाकी विधायक निधि के पैसे को भी नियमों के मुताबिक ही खर्च करने की इजाजत है। इस पर बीच-बीच में विपक्षी विधायक भी बोलते रहे। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने भी कांग्रेस के विधायक के साथ हो रहे भेदभाव का मामला उठाया और कहा कि सरकार कांग्रेस के विधायकों के साथ हर स्तर पर भेदभाव कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी सदन में कहा कि ये जो परम्पराएं भाजपा शुरू कर रही सही नहीं है।
इस गड़बड़झाले में सभी शामिल है। भाजपा शिलान्यास व योजनाओं पर भी कांग्रेस से भेदभाव कर रही है। इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ये परम्पराएं कांग्रेस ने ही डाली है। जब वह विपक्ष ने थे तो उनकी भी यही पीड़ा थी। सरकारें बदलती है तो काम जब पूरे होते है तो वर्तमान सरकार ही उद्घाटन करती है। उद्घाटन व शिलान्यास में कांग्रेस सरकार भाजपा के विधायकों के नाम हटा कर हारे हुए कांग्रेसियों के नाम लगाए गए। यहां तक कि पट्टिकाओं के पत्थर घन से तोड़े गए। इसके बीच विपक्ष ने विधायकों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अध्यक्ष से विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर निर्णय देने की मांग उठाई। जिसपर अध्यक्ष ने कहा कि की नोटिस सदन की कार्यवाही के बीच ही दिया है और विचाराधीन है। जिस पर नियमानुसार व्यवस्था दी जाएगी। लेकिन विपक्ष नोटिस के ऊपर निर्णय पर अड़ गया। दोनों तरफ से तीखी नोंक-झोंक हुई। नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।