Edited By Vijay, Updated: 23 Jan, 2024 07:12 PM
कहते हैं प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती, वह एक ऐसा सूरज है जो दूर से ही उजाला देता है। कुछ ऐसी ही रोशनी खजियार पंचायत के बंगबेही गांव के ओम प्रकाश शर्मा बिखेर रहे हैं।
चम्बा (रणवीर): कहते हैं प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती, वह एक ऐसा सूरज है जो दूर से ही उजाला देता है। कुछ ऐसी ही रोशनी खजियार पंचायत के बंगबेही गांव के ओम प्रकाश शर्मा बिखेर रहे हैं। एक गरीब परिवार में जन्मे ओम प्रकाश शर्मा ने सोमवार को आयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर केंद्रीय विद्यालय ओडिशा में बतौर असिस्टैंट प्रोफैसर के तौर पर ज्वाइन किया। ओम प्रकाश के 4 भाई और 2 बहने हैं, ऐसे में बड़े परिवार के पालन-पोषण में पिता को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। पिता स्वर्गीय देशराज लोक निर्माण विभाग में बतौर चौकीदार थे, ऐसे में परिवार को चलाने के साथ-साथ पढ़ाई में भी काफी दिक्कत पेश आई।
ओम प्रकाश को पढ़ाई को सुचारू रखने के लिए मेहनत-मजदूरी भी करनी पड़ी। स्कूलों में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान खजियार में मजदूरी व फोटोग्राफी भी की ताकि पढ़ाई के लिए किसी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े। मेहनत के पैसों से किताबें खरीदीं व दिन-रात मेहनत करके पढ़ाई को जारी रखा। वर्ष 2001 में ओम प्रकाश ने बीए की डिग्री कॉलेज चम्बा से हासिल की। बीएड धर्मशाला, एमएड शिमला में की। इस दौरान निजी स्कूलों में बतौर शिक्षक भी सेवाओं को जारी रखा ताकि आर्थिक स्थिति ठीक रहे। एमएससी मैथेमैटिक्स में पास करने के बाद यूजीसी के तहत नैट की परीक्षा को पास किया। हाल ही में बीते वर्ष 2023 में पीएचडी की डिग्री पूरी की। इस दौरान केंद्रीय विद्यालय रायपुर व छत्तीसगढ़ में सेवाएं दीं लेकिन तनख्वाह कम होने के कारण गुजारा नहीं हो पा रहा था, ऐसे में अब केंद्रीय विद्यालय ओडिशा में असिस्टैंट प्रोफैसर बनने का सपना पूरा किया है।
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