Edited By Vijay, Updated: 10 Sep, 2025 04:29 PM

शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों को नशा करने वाले छात्रों की पहचान के लिए यूरिन बेस्ड ड्रग टैस्टिंग किट का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य सीआईडी, हिमाचल प्रदेश की ओर से शिक्षा विभाग को इस मामले को लेकर पत्र भेजा...
शिमला (ब्यूरो): शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों को नशा करने वाले छात्रों की पहचान के लिए यूरिन बेस्ड ड्रग टैस्टिंग किट का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य सीआईडी, हिमाचल प्रदेश की ओर से शिक्षा विभाग को इस मामले को लेकर पत्र भेजा गया है, जिसमें इस किट का इस्तेमाल करने व साथ ही इससे संबंधित जानकारी भी दी गई है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को राज्य से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को समाप्त करने के लिए यूरिन बेस्ड ड्रग टैस्टिंग किट का उपयोग कर प्रभावित छात्रों की पहचान करने को कहा है, साथ ही कहा गया है कि यदि समय पर इस उपकरण का उपयोग किया जाता है तो इससे कई छात्रों को नशे से बचाया जा सकता है।
यह यूरिन बेस्ड ड्रग टैस्टिंग किट कई सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली दवाओं का पता लगाने और त्वरित परिणाम देने में सक्षम है, जो उन्हें उचित प्रोटोकॉल और पर्यवेक्षण के तहत शैक्षणिक संस्थानों में तैनाती के लिए उपयुक्त बनाता है। इसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों में नशा मुक्त वातावरण बनाने और भविष्य की सुरक्षा के लिए चल रहे प्रयासों का समर्थन करना है। ऐसे में संस्थानों को पीटीए की बैठक के दौरान इस पर चर्चा करने व साथ ही अभिभावकों को भी इसकी जानकारी देने को कहा है।
बता दें कि राज्य में नशीली दवाओं का उपयोग चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है क्योंकि राज्य के युवा वर्ग की एक बड़ी संख्या नशीली दवाओं के उपयोग और लत से प्रभावित है, यहां तक कि स्कूली बच्चे भी नशे के आदी पाए गए हैं। इसी उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है।
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