Edited By Vijay, Updated: 28 May, 2025 12:09 PM

हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंचायत स्तर पर बीपीएल परिवारों के चयन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से चयन प्रक्रिया में अहम बदलाव किए हैं।
सोलन (नरेश पाल): हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंचायत स्तर पर बीपीएल परिवारों के चयन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से चयन प्रक्रिया में अहम बदलाव किए हैं। अब बीपीएल सूची में नाम शामिल करवाने के लिए दो स्तरीय सत्यापन प्रणाली लागू की गई है, ताकि जरूरतमंद और पात्र परिवारों को ही इसका लाभ मिल सके। प्रदेशभर से लगातार बीपीएल चयन में धांधली, पक्षपात और भाई-भतीजावाद की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद सरकार ने इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की है।
सरकार की नई व्यवस्था के तहत ग्राम सभा द्वारा चयन के बाद एसडीएम, बीडीओ और पंचायत निरीक्षक की संयुक्त समिति बीपीएल चयनित लोगों के दस्तावेजों की जांच कर रही है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सूची में केवल वे ही परिवार शामिल हों, जो वास्तव में इस सहायता के हकदार हैं। बीडीओ सोलन रमेश शर्मा ने बताया कि इच्छुक आवेदकों से 17 मई तक घोषणा पत्र के साथ आवेदन मांगे गए थे। इसके बाद अब पंचायत स्तर पर तीन सदस्यीय समिति द्वारा घर-घर जाकर आवेदनकर्ताओं का सत्यापन किया जा रहा है। इस समिति में आंगनबाड़ी वर्कर, पटवारी और पंचायत सचिव शामिल हैं।
बीडीओ ने बताया कि बीपीएल सूची को लेकर अंतिम निर्णय 15 जुलाई तक ग्राम पंचायतों में होने वाली ग्राम सभाओं में लिया जाएगा। ग्राम सभा में सूची पर विचार-विमर्श कर पात्र परिवारों के नामों को अनुमोदित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था से उम्मीद की जा रही है कि बीपीएल सूची अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से तैयार की जाएगी, ताकि वास्तव में गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।
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