Edited By Vijay, Updated: 24 Feb, 2021 11:01 PM
मंडी में लैंडस्लाइड मॉनीटरिंग सिस्टम के विकास के लिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जिला प्रशासन और आईआईटी मंडी के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। बता दें कि पिछले एक दशक में आईआईटी मंडी ने जिला और हिमाचल प्रदेश प्रशासन से जुड़ कर ज्ञान के...
मंडी (ब्यूरो): मंडी में लैंडस्लाइड मॉनीटरिंग सिस्टम के विकास के लिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जिला प्रशासन और आईआईटी मंडी के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। बता दें कि पिछले एक दशक में आईआईटी मंडी ने जिला और हिमाचल प्रदेश प्रशासन से जुड़ कर ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए संस्थानिक प्रक्रिया का विकास किया है। आईआईटी मंडी ने मंडी जिले में भू-स्खलन की निगरानी के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से यह सहयोग करार किया है। 24 फरवरी, 2021 को आईआईटी मंडी ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से सहयोग करार किया है, जिसके तहत मंडी जिले में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मदद से लैंडस्लाइड अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाए जाएंगे।
नए सिस्टम लगने से भू-स्खलन की निगरानी करने, अलर्ट, चेतावनी जारी करने वाले लोगों को संभावित भू-स्खलन से सतर्क रखने के जिला के प्रयासों में मजबूती आएगी। उसी प्रकार आईआईटी मंडी ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश पुलिस से सहयोग करार किया है जिसके तहत परस्पर लाभदायक शोध एवं विश्लेषण प्रोग्राम होंगे। इसके तहत संस्थान पुलिस कर्मियों को नई प्रौद्योगिकी, शोध एवं विश्लेषण का ज्ञान, अपराध एवं कानून व्यवस्था के भौगोलिक एवं सामयिक विश्लेषण की जानकारी, साइबर अपराध एवं साइबर सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, खतरा एवं सुरक्षा विश्लेषण, लोगों के उपयोग में आसान मोबाइल एप्लीकेशन, मैटीरियल विज्ञान एवं नैटवर्क विश्लेषण का ज्ञान देगा।
इसके अतिरिक्त आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं और इनोवेटरों के अथक प्रयास से महामारी के दौर में कई अहम शोध और इनोवेशन हुए हैं जिनमें बेकार पीईटी बोतल से अधिक कारगर फेस मास्क का निर्माण, होम क्वारंटाइन मैनेजमैंट एप्लीकेशन, सैन्य कर्मियों के लिए वैबसाइट बनाना और कोविड को फैलने से रोकने में उपयोगी ऑटोमैटिक थर्मल स्क्रीनिंग मशीन बनाना व वाईफाई चलित स्मार्ट वैंटीलेटर बनाना आदि शामिल हैं।