इस तकनीक से अब घर की छत और दीवारों पर उगा पाएंगे फूल

Edited By prashant sharma, Updated: 23 Jul, 2021 03:52 PM

now flowers will be able to grow on the roof and walls of house

अगर आपको फूलों के शौकीन है और आपके पास फूल लगाने के लिए पर्याप्त भूमि नहीं है तो निश्चित तौर पर आपके लिए यह एक अच्छी खबर है। क्योंकि अब फूल लगाने के लिए आपको भूमि की जरूरत नहीं है बल्कि आप घर की छत या दीवारों पर भी बिना मिट्टी के फूलों की खेती कर...

ऊना (अमित शर्मा) : अगर आपको फूलों के शौकीन है और आपके पास फूल लगाने के लिए पर्याप्त भूमि नहीं है तो निश्चित तौर पर आपके लिए यह एक अच्छी खबर है। क्योंकि अब फूल लगाने के लिए आपको भूमि की जरूरत नहीं है बल्कि आप घर की छत या दीवारों पर भी बिना मिट्टी के फूलों की खेती कर सकते है। जी, हां जिला ऊना के प्रगतिशील किसान युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से सब्जी और पशुचारा उगाने के बाद फूलों पर भी इस विधि का ट्रायल किया है जोकि सफल रहा है। 

अक्सर नए नए प्रयोगों के लिए सुर्खियों में रहने वाले ऊना जिला के गांव नंगल सलांगडी के कृषि विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान युसूफ खान पिछले लंबे समय से हाइड्रोपोनिक यानि पानी में खेती की तकनीक पर काम कर रहे है। युसूफ ने नया प्रयोग करते हुए हाइड्रोपोनिक तकनीक के जरिये ही फूलों की सल पैदावार की है। इससे पहले युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से खीरा, लैट्यूस, टमाटर, पुदीना, फूल गोभी, ब्रॉकली, स्ट्रॉबेरी और पशुओं के चारे की खेती की थी। दरअसल जिन लोगों के पास खेतीबाड़ी करने के लिए भूमि नहीं है उनके लिए खेतीबाड़ी करने की हाइड्रोपोनिक तकनीक एक बहुत ही सफल तकनीक है। इस तकनीक के जरिये घर के अंदर, छत पर या घर की दीवारों पर भी सब्जियों के अलावा फूलों का भी उत्पादन किया जा सकता है। दरअसल हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम में प्रयोग होने वाले पानी में सभी जरूरी पोषकतत्व मिलाये जाते हैं और एक पंप के माध्यम से वो पानी पाइपों में घूमता रहता है, न्यूट्रेंट मिला यह पानी रूट्स के माध्यम से पौधे को मिलता रहता है। सिस्टम में एक विशेष तरीके से पौधे को हवा भी दी जाती है। 

इस विधि से खेती करने से किसानों को इसकी खुदाई-रोपाई करने से भी निजात मिलती है। वहीं उनके परिश्रम व समय की भी बचत होती और पौधों को जमीन से लगने वाली बीमारियां भी नहीं लगती है। प्रगतिशील किसान युसूफ खान ने कहा कि इस विधि द्वारा लोगों को मिटटी और खाद से छुटकारा मिलेगा। उन्होंने बताया कि शुरूआती ट्रायल में उन्होंने गेंदा और विंका किस्मों को लगाया है जिनकी भूमि के मुकाबले अच्छी पैदावार हुई है। उन्होंने कहा कि कमर्शियल तौर पर फ्लोरीकल्चर करने के लिए तो बड़ा प्रोजेक्ट लगाना पड़ेगा लेकिन घरों में छोटी खेती के लिए यह तकनीक बाहर लाभप्रद है। वहीं बागवानी विभाग के उपनिदेशक अशोक धीमान भी हाइड्रोपोनिक तकनीक को खेतीबाड़ी की एक उन्नत विधि मानते है। अशोक धीमान ने कहा कि जहाँ पर अच्छी किस्म की मिटटी या भूमि उपलब्ध नहीं है वहां पर इस तकनीक से सब्जियों और फूलों की खेती कर सकते है।
 

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