Edited By Vijay, Updated: 10 Dec, 2025 07:12 PM

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नौणी स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में बुधवार को 14वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने की। इस दीक्षांत समारोह में बेटियों ने अपनी...
सोलन (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नौणी स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में बुधवार को 14वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने की। इस दीक्षांत समारोह में बेटियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। राज्यपाल ने कुल 12 स्वर्ण पदक प्रदान किए, जिनमें से 9 स्वर्ण पदक छात्राओं ने अपने नाम किए। इसके अतिरिक्त, राज्यपाल ने 518 मेधावी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र और औद्यानिकी व वानिकी संकाय के 855 विद्यार्थियों को डिग्रियां वितरित कीं।
दीक्षांत समारोह किसानों और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का बोध
डिग्री धारकों को संबोधित करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि का उत्सव नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों को किसानों, समाज और राष्ट्र के प्रति उनकी नई जिम्मेदारी का बोध कराता है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो, ब्लूबेरी, मैकाडामिया नट और कॉफी जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों के प्रोत्साहन की सराहना की। साथ ही, रसायनिक खेती पर निर्भरता कम करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की विश्वविद्यालय की पहल को भी सराहा।
नशा मुक्त हिमाचल के निर्माण की अपील
अपने संबोधन में राज्यपाल ने प्रदेश में बढ़ते नशे के प्रचलन पर चिंता व्यक्त की और युवाओं से 'नशा मुक्त हिमाचल' के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा नशा विरोधी जागरूकता गतिविधियों में हजारों छात्रों और किसानों को जोड़ना एक सराहनीय कदम है। राज्यपाल ने घोषणा की कि अगले वर्ष से वे नशा विरोधी अभियान को घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
शोध और रैंकिंग में विश्वविद्यालय का उत्कृष्ट प्रदर्शन
कुलपति डॉ. राजेश्वर चंदेल ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग में विश्वविद्यालय कृषि श्रेणी में 20वें स्थान पर रहा है। वहीं, आईआईआरएफ रैंकिंग में इसे 11वां स्थान प्राप्त हुआ है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के शोध कार्यों की प्रशंसा करते हुए बताया कि संस्थान ने 334 शोध प्रकाशन, 10 पेटेंट और 11 राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय समझौता ज्ञापन हासिल किए हैं।
युवाओं के कंधों पर भविष्य की जिम्मेदारी
समारोह के मुख्य वक्ता और कृषि वैज्ञानिक चयन बोर्ड (भारत सरकार) के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने कहा कि डॉ. यशवंत सिंह परमार के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय आत्मनिर्भरता और ईमानदारी की विरासत का प्रतीक है। उन्होंने छात्रों से औद्यानिकी, एग्रोफोरेस्ट्री, बायोफ्यूल और बायोप्लास्टिक जैसे क्षेत्रों में वैल्यू-एडेड उत्पादों के माध्यम से देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।
समाराेह ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रकाशन सामग्रियों का विमोचन भी किया। समारोह में कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी, सचिव उद्यान विभाग सी. पॉलरासू, राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, कुलसचिव सिद्धार्थ आचार्य सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी, सीनेट सदस्य, अभिभावक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
इन्हें मिले स्वर्ण पदक
दीक्षांत समारोह में यामिनी ठाकुर, आयुष शर्मा, आकांक्षा चंबयाल, अंजलि कुमारी, उज्जवल वर्मा, युक्ति नारंग, सभ्या पठानिया, नेहा मिश्रा, पंकज ठाकुर, पारुल सैणी, कृतिका ठाकुर और उज्जवल वर्मा ने दीक्षांत समारोह के दौरान स्वर्ण पदक प्राप्त किए।