Edited By Simpy Khanna, Updated: 03 Dec, 2019 11:43 AM
शिमला के पहले बुक कैफे में कैदी नजर नहीं आएंगे, नगर निगम ने टक्का बैच स्थित बुक कैफे को अपने कब्जे में ले लिया है। जेल विभाग के साथ लीज एग्रीमैंट खत्म होने के बाद विभाग ने एम.सी. को बुक कैफे की चाबी सौंप दी है इसके बाद निगम ने यहां पर अपना ताला लगा...
शिमला (ब्यूरो): शिमला के पहले बुक कैफे में कैदी नजर नहीं आएंगे, नगर निगम ने टक्का बैच स्थित बुक कैफे को अपने कब्जे में ले लिया है। जेल विभाग के साथ लीज एग्रीमैंट खत्म होने के बाद विभाग ने एम.सी. को बुक कैफे की चाबी सौंप दी है इसके बाद निगम ने यहां पर अपना ताला लगा दिया है। नगर निगम ने बुक कैफे के संचालन के लिए टैंडर कर दिए हैं अब जल्द ही इसे आऊटसोर्स कर दिया जाएगा। टक्का बैंच पर बना शिमला का पहला बुक कैफे पिछले अढ़ाई सालों से जेल सुधार गृह में सजा काट रहे कैदी चला रहे थे, इसे अब एम.सी. ने अपने कब्जे में लिया है। एम.सी. ने लीज खत्म होने के बाद सोमवार को यहां पर अपना ताला जड़ दिया है, अब नगर निगम अपनी आय के संसाधनों को मजबूत करने के लिए इस बुक कैफे को आऊटसोर्स करने जा रहा है।
नगर निगम ने शिमला में फूड चेन चलाने वाले कारोबारी को आगामी 10 सालों के लिए बुक कैफे का संचालन सौंपा है। एम.सी. को सालाना इससे 13 लाख 77 हजार रुपए की आमदनी होगी। इससे निगम की आमदनी बढ़ सकेगी। एम.सी. ने बीते सितंबर माह में इसके लिए टैंडर कॉल किए थे इसके बाद कई संस्थाओं द्वारा बुक कैफे को आऊटसोर्स करने के निगम के निर्णय का विरोध किया था, लेकिन अब एम.सी. ने निजी हाथों में सौंपने जा रहा है। मेयर कुसुम सदरेट ने कहा कि बुक कैफे को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है लेकिन यहां पर कैदियों द्वारा बनाए गए खाद्य पदार्थों को बेचा जाएगा।
वार्डों में भी है बुक कैफे बनाने की योजना
नगर निगम स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत वार्डों में कई जगहों पर बुक कैके बनाने जा रहा है। कई वार्डों में लोकेशन फाइनल कर ली गई है। एम.सी. संजौली, छोटा शिमला तथा टूटीकंडी सहित कई जगहों पर बुक कैफे खोलने जा रहा है ताकि शहरवासियों को जगह-जगह बैठने के लिए उपयुक्त स्थान मिल सके।