Edited By Vijay, Updated: 23 Aug, 2024 04:31 PM
मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मिला व उन्हें सात सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। मंत्री ने मांगों को तत्काल पूर्ण करने का आश्वासन दिया है।
शिमला (ब्यूरो): मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मिला व उन्हें सात सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। मंत्री ने मांगों को तत्काल पूर्ण करने का आश्वासन दिया है। यूनियन तथा मंत्री व निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा आशीष कोहली के मध्य डेढ़ घंटे तक चली बैठक बेहद सकारात्मक रही। प्रतिनिधिमंडल में विजेंद्र मेहरा, जगत राम, इंद्र सिंह व हिमी देवी ने कहा है कि प्रदेश में कार्यरत 21 हजार मिड-डे मील कर्मियों की स्थिति बेहद दयनीय है। इनके लिए मात्र 4500 रुपए प्रतिमाह वेतन घोषित किया गया है जोकि कई-कई महीनों तक नहीं मिलता है। समय पर वेतन न मिलने से मिड-डे मील कर्मियों को अपना जीवनयापन करना बेहद मुश्किल हो रहा है।
इन वर्कर्ज ने सरकार से मांग की है कि जिन कम बच्चों की संख्या वाले स्कूलों को बंद करने व कुछ स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज करने का निर्णय लिया गया है, उन स्कूलों में कार्यरत मिड-डे मील वर्कर्ज को भी अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर अन्य नजदीकी स्कूलों में समायोजित किया जाए। मिड-डे मील कर्मियों को प्रतिमाह पहली तारीख को वेतन का भुगतान किया जाए। उन्हें वेतन स्लिप दी जाए ताकि उन्हें अपने वेतन की सही जानकारी मिल सके। उन्हें आंगनबाड़ी की तर्ज पर एक साल में कम से कम 20 छुट्टियां दी जाएं। उन्हें आंगनबाड़ी व आशा कर्मियों की तर्ज पर साल में दो वर्दियां दी जाएं। महिला मिड-डे मील कर्मियों को राज्य में अन्य महिला कर्मचारियों की तर्ज पर रक्षाबंधन, करवाचौथ व भाई दूज की वेतन सहित छुट्टियां दी जाएं।
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