Himachal: मिड-डे मील की जानकारी न देने पर 93 स्कूलों को नोटिस, हो सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाई

Edited By Jyoti M, Updated: 07 Jan, 2025 11:10 AM

notice to 93 schools for not providing information about mid day meal

मिड-डे मील योजना की दैनिक रिपोर्टिंग में लापरवाही बरतने पर चंबा, शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर और मंडी जिलों के 93 स्कूलों को उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा नोटिस जारी किया गया है। इनमें 31 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, 40 मिडल स्कूलों और 22 हाई...

हिमाचल डेस्क। मिड-डे मील योजना की दैनिक रिपोर्टिंग में लापरवाही बरतने पर चंबा, शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर और मंडी जिलों के 93 स्कूलों को उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा नोटिस जारी किया गया है। इनमें 31 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, 40 मिडल स्कूलों और 22 हाई स्कूलों की ओर से रोजाना मिड-डे मील की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही है।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने योजना के तहत सभी पात्र छात्रों को दिए जाने वाले भोजन की दैनिक वास्तविक समय रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए स्कूल प्रभारियों को अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से टोल-फ्री नंबर 15544 पर एसएमएस के जरिए रिपोर्ट जमा करनी होती है।

इस रिपोर्टिंग का मुख्य उद्देश्य भोजन वितरण की निगरानी करना और सुनिश्चित करना है कि योजना के तहत निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन हो रहा है। साथ ही, यह प्रक्रिया बच्चों के पोषण स्तर का आकलन करने और योजना की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने में मदद करती है। उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि नियमित रिपोर्टिंग से विभाग को नामांकित छात्रों तक भोजन की आपूर्ति के आंकड़ों की स्पष्ट तस्वीर मिलती है। हालांकि, 93 स्कूलों द्वारा रिपोर्टिंग में चूक के कारण केंद्र और राज्य सरकार दोनों स्तरों पर विभाग की छवि खराब हो रही है।

शिक्षा विभाग ने यह भी कहा कि रिपोर्टिंग में अनियमितता को गंभीरता से लिया जाएगा। स्कूल प्रभारियों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने में लापरवाही बरतने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसमें दंडात्मक कदम या अन्य प्रशासनिक कार्रवाई शामिल हो सकती है। विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे मिड-डे मील योजना के तहत सटीक और समय पर डेटा रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें।

डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि पीएम पोषण योजना की सफलता पूरी तरह से सटीक डेटा संग्रह और समय पर रिपोर्टिंग पर निर्भर करती है। यह रिपोर्टिंग न केवल भोजन वितरण की निगरानी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण भी है।

उन्होंने स्कूल प्रभारियों को निर्देश दिया है कि वे रिपोर्टिंग प्रक्रिया को अपनी प्राथमिकता बनाएं और सभी स्कूल कार्य दिवसों पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें। यह प्रणाली यह भी सुनिश्चित करने में मदद करती है कि आवंटित भोजन सही छात्रों तक पहुंचे और योजना के उद्देश्य पूरी तरह से पूरे हों।

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