Edited By Vijay, Updated: 04 Jul, 2024 07:11 PM
स्कूलों में खाना बनाते समय महिला कर्मी के घड़ी, अंगूठी, आभूषण और चूड़ियां पहनने पर रोक रहेगी, साथ ही वह इस दौरान नेल पॉलिश का भी इस्तेमाल नहीं करेगी।
शिमला (प्रीति): स्कूलों में खाना बनाते समय महिला कर्मी के घड़ी, अंगूठी, आभूषण और चूड़ियां पहनने पर रोक रहेगी, साथ ही वह इस दौरान नेल पॉलिश का भी इस्तेमाल नहीं करेगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बाद अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने पीएम पोषण के गुणवत्ता और सुरक्षा पहलू को लेकर स्कूलों को गाइडलाइन जारी की है और इसकी अनुपालना के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा दूषित स्थानों में बच्चों को भोजन नहीं परोसा जाएगा। परिसर में धूम्रपान करना, थूकना और नाक साफ करना विशेष रूप से प्रतिबंधित होगा। कर्मी के पास पर्याप्त और उपयुक्त स्वच्छ सुरक्षात्मक कपड़े होने चाहिए। उनके बाल साफ-सुथरे ढंग से बंधे होने चाहिए। कर्मी को काम दोबारा शुरू करने से पहले हर बार अपने हाथ धोने पड़ेंगे।
इस दौरान सभी कीटों (मुख्य रूप से कृन्तकों, पक्षियों और कीड़ों) के प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वच्छता आवश्यक होगी। आमतौर पर खाना पकाने के क्षेत्र में किसी भी कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाएगा। भंडारण और खाना पकाने की जगह में जानवरों, पक्षियों और पालतू जानवरों को नहीं आने दिया जाए। सर्व शिक्षा अभियान के तहत उपलब्ध कराए गए स्कूल रखरखाव अनुदान का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। स्कूलों के रसोई क्षेत्र में आकस्मिक आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए अग्निशामक यंत्रों की स्थापना सहित पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। बच्चों को खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोने को सख्ती से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। परोसने से ठीक पहले शिक्षक द्वारा भोजन को चखना अनिवार्य होगा, इसके साथ ही शिक्षक को चखने का रिकार्ड एक रजिस्टर में रखना होगा। एसएमसी सदस्य भी खाना चख सकते हैं।
स्कूलों में बनने वाले भोजन का परीक्षण अनिवार्य
भोजन का सरकारी खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला या कानून द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी प्रयोगशाला द्वारा मूल्यांकन और प्रमाणित किया जाना अनिवार्य होगा। राज्य में संबंधित विभाग भोजन के पोषक मूल्य और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए नमूने भी एकत्र कर सकता है। विभाग महीने में कम से कम एक बार चयनित स्कूलों या केंद्रीकृत रसोई घरों से नमूने एकत्र करेगा और ऐसे नमूनों को इन प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजेगा। यदि नमूने निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं तो उचित कार्रवाई की जाएगी।