सोलन में खुले रहे बाजार, नालागढ़ में किसानों ने किया चक्का जाम

Edited By Vijay, Updated: 08 Dec, 2020 04:35 PM

markets remained open in solan farmers did wheel jammed in nalagarh

कृषि बिल के विरोध मे किसान संगठनों के भारत बंद का असर जिला सोलन में देखने का नहीं मिला। जिला में सभी बाजार खुले रहे। नालागढ़ के चौकीवाला में किसानों ने चक्का जाम किया जबकि सोलन सहित अन्य क्षेत्रों में कांग्रेस, एटक व किसान सभा ने प्रदर्शन किया।

सोलन/नालागढ़ (ब्यूरो/सतविंद्र): कृषि बिल के विरोध मे किसान संगठनों के भारत बंद का असर जिला सोलन में देखने का नहीं मिला। जिला में सभी बाजार खुले रहे। नालागढ़ के चौकीवाला में किसानों ने चक्का जाम किया जबकि सोलन सहित अन्य क्षेत्रों में कांग्रेस, एटक व किसान सभा ने प्रदर्शन किया। जिला मुख्यालय में कांग्रेस, एटक व किसान सभा ने शहर में रैली निकाल कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने कहा कि जो काले कानून मोदी सरकार किसानों पर थोप रही है वे गलत हैं। इन कानूनों से जहां किसानों पर इसका असर पड़ रहा है वहीं आम जनता पर भी इसका असर पड़ेगा।
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कांग्रेस जिलाध्यक्ष शिव कुमार का कहना है कि आज का प्रदर्शन मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अडानी व अम्बानी को पनाह दे रही है। कांग्रेस हमेशा से गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाती रही है और आज भी वे किसानों को उनके हक्क दिलाने के लिए खड़े हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति की नालागढ़ इकाई ने नालागढ़-रोपड़ मार्ग पर चौकीवाला में शाम 4 बजे तक चक्का जाम किया। हालांकि यातायात  को पुलिस प्रशासन ने दूसरे रास्तों से डायवर्ट कर दिया था। किसानों ने केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने किसान के पक्ष में फैसला नहीं लिया तो यहां के किसान भी दिल्ली जाएंगे। साथ ही दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों के लिए राशन भेजा जाएगा।
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किसान संघर्ष समिति के प्रधान यशवंत सिंह बावा, गुरचरण सिंह, सुरमख सिंह व महिन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार का कहना है कि किसान किसी भी मंडी में जाकर ऊंचे दाम पर बेच सकता है लेकिन हाल में धान की फसल पंजाब की मंडियों से वापस भेज दी गईं। अगर हिमाचल में मंडी होती तो किसानों को इसका फायदा होता। यह बिल पुरी तरह से किसान के पक्ष में नहीं है। इस मौके पर किसान अवतार सिंह, कुलवंत सिंह, हरपाल सिंह, जगजीत सिंह, अजीत सिंह, महिंद्र सिंह, चरणजीत सिंह, चनन सिंह, परमजीत सिंह ग्रेवाल, गुरचरण सिंह, सुरमुख सिंह, दर्शन सिंह, भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष जसविंद्र सिंह, सिख स्टूडैंट फैडरेशन के अध्यक्ष सतनाम सिंह, योगेश्वर सिंह राणा, धजभवर सिंह, योगेश सैणी, हरबंस सिंह, ध्यान सिंह, महावीर सिंह, इन्द्रजीत सिंह, परमजीत सिंह समेत दर्जनों किसानों ने भाग लिया।

शिरोमणी अकाली दल किसानों के समर्थन में

शिरोमणी अकाली दल के हिमाचल प्रदेश के सदस्य दलजीत सिंह भिंडर ने कहा कि इस बिल के विरोध में पहले ही शिरोमणी अकाली दल किसानों के समर्थन में है। यूपी व बिहार के किसानों को कभी भी अपनी फसल के सही दाम नहीं मिले। तभी वहां के किसान फैक्टरी में काम करना पसंद करते हैं। बडे-बडे साहूकार वहां पर किसानों की फसल ओने पोने दामों में खरीदकर पंजाब ओर हरियाणा की मंडियों में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। किसानों को उनके घर द्वार पर ही अपनी फसल को सही दाम मिलने चाहिए सरकार को ऐसा कानून बनाने की जरूरत है। किसान नेता दर्शन सिंह ने कहा कि उनके पूर्वजों ने खून पसीने के इस धरती को सींचा है और तभी आज हम अपने परिवार का पालन पोषण कर पा रहे है। केंद्र की भाजपा सरकारी उन्हें अंबानी व अडानी का गुलाम बनाना चाहती है।

अर्की उपमंडल में भारत बंद बेअसर

भारत बंद अर्की उपमंडल में बेअसर रहा। अर्की, कुनिहार, दाड़ला व धुन्दन आदि स्थानों पर दुकानें खुली रहीं। हालांकि किसान आंदोलन के समर्थन में बातल घाटी व दाड़ला में किसानों द्वारा प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में किसान सभा व एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं। इस अवसर पर छात्र नेता शिल्पा, अमरचंद गजपति, रूप चंद ठाकुर, बृजलाल, भागीरथ, श्यामलाल, दिनेश, राहुल, वीना, नरेश शर्मा, राजीव ठाकुर तेज सिंह मौजूद रहे। बातल घाटी में जिला संयोजक डीडी शर्मा की अगुवाई में किसानों ने धरना दिया व चक्का जाम किया। इस मौके पर सुरेश कुमार, उप प्रधान सुरेंद्र, ग्राम पंचायत डुमैहर के उपप्रधान तिलक राज पाल, राकेश पाल, नन्द किशोर पाल व मथरा दास तनवर मौजूद रहे।

...तो दिल्ली करेंगे कूच : लखविंद्र सिंह राणा

वहीं विधायक लखविंद्र सिंह राणा ने कहा कि जो कानून केंद्र ने बनाए हैं वे किसानों के खिलाफ हैं। बुधवार को अगर किसानों के पक्ष में फैसला नहीं होता तो यहां के किसान भी दिल्ली जाएंगे। उन्होंने  कहा कि वह विधायक होने से पहले किसान हैं। केन्द्र की भाजपा सरकारकिसानों की आय खत्म करने पर तुली हुई है।

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