Edited By Vijay, Updated: 12 Aug, 2025 03:12 PM

मणिमहेश यात्रा के चलते चम्बा शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुन लोगों को चौगान की तरफ आकर्षिक कर रही है। जन्माष्टमी स्नान के लिए मंगलवार को एक साथ चम्बा चौगान में 3 से 4 जत्थे चम्बा पहुंचे, जिसमें करीब 800 श्रद्धालु...
चम्बा (रणवीर): मणिमहेश यात्रा के चलते चम्बा शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर धुन लोगों को चौगान की तरफ आकर्षिक कर रही है। जन्माष्टमी स्नान के लिए मंगलवार को एक साथ चम्बा चौगान में 3 से 4 जत्थे चम्बा पहुंचे, जिसमें करीब 800 श्रद्धालु मौजूद रहे। सुबह से लेकर दोपहर तक ऐतिहासिक चौगान में भगवान शंकर के जयकारे गूंजते रहे। शिव के गूर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दे रहे हैं। गूरों से आशीर्वाद लेने के लिए शहर के लोग भी पहुंच रहे हैं। जम्मू डोडा के भलेई संकडू समेत अन्य क्षेत्रों से सैंकड़ाें श्रद्धालु चौगान में पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं द्वारा चौगान में शिव चिन्ह स्थापित कर पड़ाव डालकर भजन-कीर्तन का दौर जारी रहा।
बता दें कि हर जत्थे का चौगान में पुराना पड़ाव बना हुआ है, ऐसे में जत्थे मान्यता के अनुसार पड़ाव डाल रहे हैं। श्रद्धालुओं के अनुसार आते और जाते समय में चौगान में उनका डेरा सदियों से लग रहा है। इसी परंपरा का निर्वहन ये श्रद्धालु आज भी कर रहे हैं। मौसम के बेहतर होने चलते आगामी दिनों में श्रद्धालुओं की तादाद और बढ़ने की संभावना है। जत्थे की अगुवाई कर रहे जितेंद्र सिंह ने बताया कि यात्रा के दौरान बच्चों को छोड़कर लगभग सभी श्रद्धालु नंगे पैर ही मणिमहेश डल झील तक पहुंचेंगे।
दुधमुंहे बच्चे माता-पिता के साथ कर रहे मणिमहेश यात्रा
जत्थे में शामिल करीब 100 से अधिक बच्चे मां की ममता की छांव व पिता की गोद में मणिमहेश दर्शन करेंगे। चम्बा चाैगान में पहला डेरा लगाकर श्रद्धालुओं ने बच्चों संग भगवान भोलेनाथ का गुणगान किया। जत्थे में शामिल 4 साल की सुराना, मनीत मन्हास माता रानू के साथ, कवि, जतिन, कार्तिक समेत अन्य बच्चे भी डल झील में स्नान करेंगे। इस दौरान बच्चों का मुंडन भी करवाया जाएगा। मनीत की माता रानू ने बताया कि पहले ही मन्नत मांगी थी कि उनके घर में संतान प्राप्ति पर मणिमहेश यात्रा करेंगे। वे नंगे पांव ही यात्रा कर रहे हैं जो भगवान भोलेनाथ की कृपा से ही संभव हो पा रहा है।