Edited By Vijay, Updated: 21 Feb, 2023 09:18 PM
![locks of acc and ambuja cement plant opened after 68 days](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2023_2image_21_15_488819814accinbilaspur-ll.jpg)
अडानी ग्रुप और ट्रक ऑप्रेटर्ज के बीच मालभाड़े को लेकर उपजे विवाद के हल होते ही 68 दिनों से बंद पड़ें बरमाणा में एसीसी और दाड़लाघाट स्थित अम्बुजा सीमैंट प्लांट खोल दिए गए हैं। मंगलवार को एसीसी प्लांट हैड अमिताभ ने विधिवत पूजा-अर्चना कर क्लींकर और...
बिलासपुर/दाड़लाघाट (अंजलि/सोनी): अडानी ग्रुप और ट्रक ऑप्रेटर्ज के बीच मालभाड़े को लेकर उपजे विवाद के हल होते ही 68 दिनों से बंद पड़ें बरमाणा में एसीसी और दाड़लाघाट स्थित अम्बुजा सीमैंट प्लांट खोल दिए गए हैं। मंगलवार को एसीसी प्लांट हैड अमिताभ ने विधिवत पूजा-अर्चना कर क्लींकर और सीमैंट से लोड 2 गाड़ियों को हरी झंडी दिखा कर विदा किया। बीडीटीएस कार्यकारिणी प्रधान राकेश ठाकुर ने डिमांड हाल में उपस्थित ट्रक ऑप्रेटर्ज को संबोधित करते हुए कहा कि इस जटिल मामले को सुलझाने में मुख्यमंत्री और विधायक राजेश धर्माणी का सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि सिविल सप्लाई रेट को लेकर मुख्यमंत्री ने जल्द ही बढ़ाने का आश्वासन दिया है और डीजल 13 पैसे हाइक को लेकर भी जल्द ही राहत दिलवाने की बात कही है। अडानी ग्रुप ने कहा है कि डिस्पैच 10000 मीट्रिक टन ही रहेगा और पंजाब के जिन डंप में पहले ऑप्रेटर्ज को बंद रखा था, उन्हें अब ढुलाई कार्य दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोडिंग-अनलोडिंग और अन्य कई मुद्दों को लेकर भी अडानी ग्रुप ने सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि बुधवार से डिमांड सुचारू रूप से चलेगी।
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दाड़लाघाट में 8 सभाओं के ट्रक ऑप्रेटर्ज की चर्चा
उधर, दाड़लाघाट में ट्रक ऑप्रेटर्ज की सभी 8 सभाओं के ट्रक ऑप्रेटर्ज अंबुजा गेट के बाहर एकत्रित हुए, जहां पर सभी सभाओं के ट्रक ऑप्रेटर्ज छोटे-छोटे गुटों में एकत्रित होकर तय रेट को लेकर काफी देर तक चर्चा की। कोर कमेटी के सदस्यों ने सभी ट्रक ऑप्रेटर्ज को तय रेट के बारे में अवगत करवाया तथा सभी ट्रक ऑप्रेटर्ज ने कोर कमेटी के सदस्यों द्वारा तय किए गए रेट पर अपनी सहमति जताई।
उलटा अडानी समूह को ही सबक सिखा गई तालाबंदी : धर्माणी
घुमारवीं के विधायक ने कहा कि हिमाचल सरकार को सबक सिखाने के लिए की गई यह तालाबंदी उलटे अडानी समूह को ही सबक सिखा गई। यह गुजरात नहीं बल्कि हिमाचल है। यदि हिमाचल में फैक्टरियां चलानी हैं तो सरकार व ट्रक ऑप्रेटर्ज से सहयोग व भातृभाव बना कर ही संभव हो सकता है, आंखें तरेर कर नहीं।
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