Kullu: नग्गर में मनाई गनेड : जाणा फाटी के लोगों की जीत, सुख-समृद्धि सहित अच्छी होगी फसल

Edited By Kuldeep, Updated: 03 Jan, 2025 05:12 PM

kullu naggar old history

धरोहर गांव नग्गर में नग्गर गनेड मनाई गई। जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। इस दौरान नग्गर फाटी व जाणा फाटी के लोगों के बीच रस्सा दौड़ हुई।

नग्गर (कुल्लू) (आचार्य): धरोहर गांव नग्गर में नग्गर गनेड मनाई गई। जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। इस दौरान नग्गर फाटी व जाणा फाटी के लोगों के बीच रस्सा दौड़ हुई। जाणा फाटी के लोगों की जीत हुई, ऐसी मान्यता है कि जिस वर्ष जाना फाटी की जीत होती है उस वर्ष अच्छी फसलें होती हैं और पूरा साल सुख-समृद्धि से भरपूर रहता है। यह दौड़ किसी प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं होती बल्कि यह एक धार्मिक रीत है। जिसे पिछले 300 सालों से भी अधिक समय से निभाया जा रहा है।

नग्गर गनेड के लिए जाणा गांव के देवता जीव नारायण अपने हारियानों सहित नग्गर पहुंचे और इस प्राचीन परंपरा को निभाया। बिना देवता की उपस्थिति के इस प्रथा को नहीं निभाया जा सकता। वहीं इस गनेड में नग्गर गांव की माता त्रिपुरा सुंदरी की भी अहम भूमिका रहती है। माता के जठाली के सिर के ऊपर सिंग लगाकर और उसे मूसल के ऊपर बिठा के अश्लील दोहे भी बोले गए। यह सारी प्रक्रिया पूरी धार्मिक रीति से ही निभाई जाती है।

पुराना है इतिहास
माता त्रिपुरा सुंदरी के कारदार जोगिंद्र आचार्य ने बताया कि नग्गर गनेड का इतिहास बहुत ही पुराना है। इस दिन माता के जठाली के सिर के ऊपर सींग लगाए जाते हैं जोकि रणका नाम के बकरे के हैं। उन्होंने बताया कि नग्गर गनेड को जठाली के सिर के ऊपर सिंग लगाना, अश्लील दोहे बोलना व रस्सा दौड़ सभी प्राचीन धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, जिसका आज भी पूरी रीति से निर्वहन किया जा रहा है। वहीं बड़ाग्रां में भी नगेड़ (गनेड़) उत्सव देव परम्परा अनुसार मनाया गया।

परंपरा समझिए
पंचायत प्रधान संघ नगर खंड के पूर्व चेयरमैन व ग्राम पंचायत बड़ाग्रां पूर्व प्रधान देवेन्द्र नेगी ने कहा कि नगेड़ का यह उत्सव वास्तव में नाग देवताओं की पूजा परंपरा से जुड़ी किंवदंती को दर्शाता है, जब प्राचीन काल में कुलूत देश में देवताओं सहित क्षेत्र में जगह-जगह नागों का साम्राज्य था, तो स्थानीय देवताओं संग नाग देवताओं का पूजा उत्सव मनाए जाने के साथ नागहेड़, नगेड़ की दो गांवों के मध्य दौड़ की प्रथा शुरू हुई, इस दौड़ मुकाबले में प्रराली से बनाए गए दर्जनों फुट लम्बा नाग के आकार स्वरूप को (जिसे लोकल भाषा में गुण कहा जाता है) बनाया जाता है।

फिर नाग देवताओं, देवलुओं व स्थानीय देवलुओं के मध्य लम्बी दौड़ में लोग गिरते पड़ते अपनी जीत सुनिश्चित करते हैं। यह परम्परा आज भी विशेषकर नग्गर गांव व बड़ाग्रां गांव में एक ही दिन में देव संस्कृति अनुसार निभाई जाती है। आस्था के केंद्र इस उत्सव में सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!