Edited By Vijay, Updated: 05 Jul, 2025 04:52 PM

कुल्लू जिला के आनी उपमंडल की ग्राम पंचायत बैहना के अंतर्गत आते तिहणी, मुगरी, शुश, कोट और बैहना गांवों में गत 30 जून की रात आई भीषण बाढ़ के बाद स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। बाढ़ के चलते कम से कम 32 परिवारों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं
आनी (ब्यूरो): कुल्लू जिला के आनी उपमंडल की ग्राम पंचायत बैहना के अंतर्गत आते तिहणी, मुगरी, शुश, कोट और बैहना गांवों में गत 30 जून की रात आई भीषण बाढ़ के बाद स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। बाढ़ के चलते कम से कम 32 परिवारों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं। इनमें से कई घरों की नींव खिसक चुकी है, जबकि कुछ घराें के आसपास की जमीन पूरी तरह धंस चुकी है, जिससे उनमें रहना जानलेवा हो गया है। हालांकि बाढ़ की घटना के तुरंत बाद पंचायत की ओर से प्रशासन को टीन की चादरों और राहत सामग्री की मांग की गई थी, लेकिन एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक न तो कोई राहत सामग्री पहुंचाई गई है और न ही स्थायी सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाया गया है। इसके चलते स्थानीय लोगों और पंचायत प्रतिनिधियों में प्रशासन के खिलाफ गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्राकृतिक आपदा के समय जब त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता थी, उस समय प्रशासन ने केवल कागजी कार्रवाई तक खुद को सीमित रखा।
पंचायत प्रधान विनोद ठाकुर की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित ग्राम सभा में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई, जिसमें प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत पहुंचाने की सर्वसम्मति से मांग की गई। सभा में पारित प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया कि यदि संभावित वर्षा या अन्य आपदा से किसी भी प्रकार का जानमाल का नुक्सान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। पंचायत ने यह भी कहा है कि मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए रैड अलर्ट को देखते हुए हालात और भी संवेदनशील हो गए हैं। यदि जल्द ही राहत व पुनर्वास कार्य शुरू नहीं हुए, तो स्थिति और भयावह हो सकती है। पंचायत ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत प्रदान की जाए।
इस संबंध में जब एसडीएम आनी लक्ष्मण सिंह कनेट से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि प्रशासन पूरी तरह से स्थिति पर नजर बनाए हुए है। ग्राम पंचायत बैहना के प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की निगरानी की जा रही है। सभी संबंधित विभागों को आवश्यक सहायता व कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रभावित परिवारों की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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