Edited By Jyoti M, Updated: 22 Apr, 2025 04:05 PM

हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के फतेहपुर उपमंडल की सुनहारा पंचायत के टकवाल क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। 25 वर्षीय आईटीआई अप्रेंटिस निखिल मनकोटिया, जो पिछले पांच महीनों से विद्युत विभाग में प्रशिक्षण ले रहा था, बिजली के पोल से गिरने के...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के फतेहपुर उपमंडल की सुनहारा पंचायत के टकवाल क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। 25 वर्षीय आईटीआई अप्रेंटिस निखिल मनकोटिया, जो पिछले पांच महीनों से विद्युत विभाग में प्रशिक्षण ले रहा था, बिजली के पोल से गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गया।
निखिल गोलवां गांव का रहने वाला है। जानकारी के अनुसार, वह विद्युत विभाग के कार्य के दौरान पोल पर चढ़ा हुआ था। स्थानीय लोगों का कहना है कि काम करते समय अचानक उसे करंट लगा, जिसके बाद वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि कोई मदद पहुंचती, वह पोल से नीचे गिर गया।
गिरते ही निखिल को गंभीर चोटें आईं, खासकर उसके पैरों में काफी चोट बताई जा रही है। पहले उसे फतेहपुर के सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसकी हालत गंभीर देखकर डॉक्टरों ने उसे जसूर के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया। वहां उसका ऑपरेशन किया गया और फिलहाल उसका इलाज जारी है।
विद्युत विभाग पर उठ रहे सवाल
इस घटना के बाद विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ रहे हैं। आम तौर पर आईटीआई अप्रेंटिस को खतरनाक कार्य, जैसे कि पोल पर चढ़कर बिजली सुधारना, करने की अनुमति नहीं होती। ऐसे कार्य केवल प्रशिक्षित और अनुभवी कर्मचारियों के लिए होते हैं।
क्या सुरक्षा नियमों की अनदेखी हुई?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या निखिल को सुरक्षा उपकरण और निगरानी के साथ पोल पर चढ़ाया गया था? अगर नहीं, तो यह विभाग द्वारा सुरक्षा मानकों की सीधी अनदेखी मानी जाएगी।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे या नहीं।
विभागीय जांच शुरू
इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंता संजीव शर्मा ने बताया कि यह जांच का विषय है कि युवक पोल पर चढ़ा कैसे। विभाग जल्द ही इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा।
जनता और परिजनों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए ताकि जो भी दोषी हो, उस पर उचित कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, अप्रेंटिस और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर भी नए सिरे से नियम तय किए जाएं।