Edited By Jyoti M, Updated: 23 Oct, 2024 03:55 PM
इंदौरा विधानसभा के अंर्तगत ध्याला बीट, जो भद्रोआ रेंज और नूरपुर डिवीजन के अंतर्गत आता है, में पेड़ों की अवैध कटान और जड़ से उखाड़े जाने की घटना पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) प्रधान पीठ दिल्ली के आदेश के तहत, मंत्रालय पर्यावरण, वन और जलवायु...
कांगड़ा : इंदौरा विधानसभा के अंर्तगत ध्याला बीट, जो भद्रोआ रेंज और नूरपुर डिवीजन के अंतर्गत आता है, में पेड़ों की अवैध कटान और जड़ से उखाड़े जाने की घटना पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) प्रधान पीठ दिल्ली के आदेश के तहत, मंत्रालय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन चंडीगढ़, जिला मजिस्ट्रेट कांगड़ा और DFO नूरपुर डिवीजन को एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।
इस आदेश के तहत 3 अक्टूबर 2024 को अधिकारियों की एक टीम ने जांच की। इसमें SDM इन्दौरा, DFO नूरपुर, मंत्रालय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन चंडीगढ़ के तकनीकी अधिकारी, रेंज ऑफिसर भद्रोआ, बीओ, गार्ड्स, तहसीलदार, पटवारी ध्याला पटवार सर्किल और उनके सहायक शामिल थे। हालांकि, उस दिन जांच के दौरान कई अधिकारी सक्रिय नहीं रहे, जिससे जांच अधूरी रह गई।
इससे पहले भी, शिकायतकर्ता दुर्गेश कटोच ने अवैध कटान की शिकायत फ्लाइंग स्क्वाड धर्मशाला को की थी। इसके बाद 23-24 अप्रैल 2024 को फ्लाइंग स्क्वाड धर्मशाला द्वारा जांच की गई थी, लेकिन उस समय बीओ गंगथ और गार्ड ध्याला विट ने जांच में सहयोग करने से मना कर दिया था, जिससे जांच पूरी नहीं हो पाई।
इसके बाद, दुर्गेश कटोच ने फ्लाइंग स्क्वाड धर्मशाला को एक बयान भेजा था, जिसमें उन्होंने यह आशंका व्यक्त की थी कि अवैध रूप से काटे गए पेड़ों के प्रमाण मिटाने के लिए जंगलों में आग लगाई जा सकती है। जांच के बाद, ध्याला बीट में उन स्थानों पर जंगल में आग लगने की घटनाएं भी सामने आईं, जहां पेड़ काटे गए थे। इसके बावजूद, कई अवैध रूप से काटे गए पेड़ अब भी जांच के लिए दिखाए जाने बाकी हैं। इन घटनाओं के बाद, दुर्गेश कटोच ने सारे प्रमाण इकट्ठे करके NGT प्रधान पीठ दिल्ली में एक केस फाइल किया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
इसके बाद 22 अक्टूबर यानी कि मंगलवार को इस मुद्दे पर फिर से जांच की गई, जिसमे SDM इन्दौरा, DFO नूरपुर, मंत्रालय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन चंडीगढ़ के तकनीकी अधिकारी, रेंज ऑफिसर भद्रोआ, ACF नृरपुर, बीओ इन्दौरा, गार्ड्स, तहसीलदार, पटवारी ध्याला पटवार सर्किल, और उनके सहायक शामिल थे।
इस जहच मे दुर्गेश कटोच के साथ साहित्यकार पंकज दर्शी, जीवन सिंह ठाकुर, एडवोकेट पियारा सिंह, जी साथ जांच में शामिल रहे। जांच के दौरान दुर्गेश कटोच ने 28 पेड़ हरे और सूखे खैर) दिखाए जो कटे थे। जांच की प्रक्रिया लगभग 12 बजे शुरू हुई और शाम 4 बजे तक चली। अभी और भी खैर के पेड़ है जो दुर्गेश कटोच दिखाना चाहते है पर अब अधिकारियों द्वारा बताया गया कि आगे की जांच 24 अक्टूबर 2024 को की जाएगी।
अंत में, दुर्गेश कटोच ने कहा, "हिमाचल प्रदेश के जंगलों की सुरक्षा के लिए यह एक गंभीर मुद्दा है। हम सभी नागरिकों और अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें और जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। अवैध कटान और आगजनी से हिमाचल के पर्यावरण और ईकोसिस्टम को बड़ा खतरा है, जिसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।"
अवैध कटान को लेकर चिंतित साहित्यकार पंकज दर्शी जी ने भी अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "जंगलों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। अगर हम आज अपने जंगलों को बचाने के लिए सख्त कदम नहीं उठाते, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
पर्यावरण की सुरक्षा के बिना हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता।" उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे जंगलों की सुरक्षा के लिए जागरूक हों और इस दिशा में कदम उठाएं।
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