Edited By Vijay, Updated: 28 Jun, 2022 05:39 PM

ट्रिप्पल आईटी के छात्रों ने महज 40 हजार रुपए में ई-बाइक तैयार कर सभी को चौंका दिया है। करीब 25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली यह बाइक एक बार चार्ज करने से 40 से 50 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है।
ऊना (अमित): ट्रिप्पल आईटी के छात्रों ने महज 40 हजार रुपए में ई-बाइक तैयार कर सभी को चौंका दिया है। करीब 25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली यह बाइक एक बार चार्ज करने से 40 से 50 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है। हालांकि इस ई-बाइक में आगामी दिनों में मोडिफिकेशन के लिए भी पूरी गुंजाइश रखी गई है, जिसके तहत इसकी बैटरी को बढ़ाने या फिर अन्य साजो सामान लगाने के लिए हर प्रकार से सुविधा उपलब्ध रहेगी। पिछले दिनों देश भर में ही बाइक में आगजनी की घटनाएं सामने आने से भी इस क्षेत्र के प्रति काफी संशय पैदा हुआ लेकिन ट्रिप्पल आईटी के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार की गई यह बाइक पूरी तरह से आगजनी से सुरक्षित भी बताई गई है।
इस बाइक की खूबियां बताते हुए ट्रिप्पल आईटी के निदेशक एस. सेल्वकुमार और रजिस्ट्रार अमरनाथ गिल ने बताया कि सिंगल पीस मैन्युफैक्चरिंग में करीब 40 हजार रुपए का खर्च निर्माण पर आया है। उन्होंने कहा कि यदि इस बाइक का व्यावसायिक उत्पादन किया जाता है तो इसके निर्माण में और भी कम लागत होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस ई-बाइक का निर्माण स्थानीय मार्कीट में उपलब्ध साजो सामान से ही किया गया है। इसके कंपोनैंट्स और अन्य उपकरणों को जरूरत अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है, जिसके तहत इसमें बड़ी बैटरी भी जोड़ी जा सकती है। हाल फिलहाल इसमें करीब 350 वाट की मोटर और 850 वाट की बैटरी रखी गई है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह एक-डेढ़ घंटे में पूरी तरह चार्ज भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि फिलहाल स्थानीय बाजार में उपलब्ध कंपोनैंट्स के आधार पर एक ही बाइक को तैयार किया गया है लेकिन इसके अतिरिक्त संस्थान के छात्र-छात्राएं कई सारी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।
संस्थान के निदेशक ने बताया कि बाइक के अतिरिक्त 2 विशेष ड्रोन पर भी यहां के छात्र काम कर रहे हैं। इन दोनों ड्रोन की विशेषताएं बताते हुए संस्थान निदेशक ने बताया कि इनमें से एक ड्रोन विभिन्न समारोहों में भाग लेने वाले मुख्यातिथि पर पुष्प वर्षा करने का काम करता है जबकि दूसरा ड्रोन ऐसे ही समारोहों में फोटोग्राफी के काम को अंजाम देता है। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं में भी आगामी दिनों में और सुधार किया जाएगा ताकि इन्हें प्रोफैशनल तरीके से बाजार में उतारा जा सके। उन्होंने बताया कि यह संस्थान यहां पर वर्ष 2014 में स्थापित किया गया था।
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