Edited By Jyoti M, Updated: 06 Feb, 2025 03:20 PM
बिजली बोर्ड इन दिनों उपभोक्ताओं के बिजली मीटरों की ई-केवाईसी (ई-केवाईसी) प्रक्रिया में जुटा हुआ है, जिसे सरकार ने 15 फरवरी तक पूरा करने की समय सीमा तय की है। हालांकि, अभी भी कई उपभोक्ताओं के मीटर की ई-केवाईसी नहीं हो पाई है, जिसके कारण उन्हें कई...
हिमाचल डेस्क। बिजली बोर्ड इन दिनों उपभोक्ताओं के बिजली मीटरों की ई-केवाईसी (ई-केवाईसी) प्रक्रिया में जुटा हुआ है, जिसे सरकार ने 15 फरवरी तक पूरा करने की समय सीमा तय की है। हालांकि, अभी भी कई उपभोक्ताओं के मीटर की ई-केवाईसी नहीं हो पाई है, जिसके कारण उन्हें कई लाभों से वंचित रहना पड़ सकता है। अगर इस अवधि तक उपभोक्ता अपने मीटर की ई-केवाईसी नहीं करवाते हैं तो उन्हें एक मीटर पर मिलने वाली 125 यूनिट फ्री बिजली की सुविधा से भी हाथ धोना पड़ेगा।
बिजली बोर्ड के कर्मचारी पिछले दो महीनों से डोर-टू-डोर जाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने में लगे हुए हैं। इसके तहत कर्मचारियों ने उपभोक्ताओं से संपर्क कर उनकी आधार कार्ड, राशन कार्ड, और पुराने बिजली बिल की जांच की और उपभोक्ताओं के आधार से लिंक मोबाइल नंबर के माध्यम से ओटीपी प्राप्त कर ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा किया। जिन उपभोक्ताओं ने अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, उनके लिए एक और मौका दिया जा रहा है। वे अब सब डिवीजन कार्यालय में जाकर अपनी ई-केवाईसी करवा सकते हैं।
विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी समय पर हो जाए, ताकि कोई भी लाभार्थी इससे वंचित न रहे। डोर-टू-डोर अभियान के दौरान कुछ उपभोक्ता छूट गए थे, जिनकी केवाईसी अब फिर से की जा रही है। इसके अलावा, अब उपभोक्ता अपने नजदीकी सब डिवीजन कार्यालय में भी जाकर ई-केवाईसी करवा सकते हैं। यह कदम उन उपभोक्ताओं के लिए है जो पहले समय या सुविधा की कमी के कारण ई-केवाईसी नहीं करवा पाए थे।
ई-केवाईसी करने के लिए उपभोक्ताओं को कुछ आवश्यक दस्तावेज पेश करने होंगे। इनमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, और बिजली बिल शामिल हैं, जिन पर कंज्यूमर आईडी का उल्लेख हो। साथ ही, उपभोक्ता के आधार से लिंक मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी, क्योंकि ई-केवाईसी के दौरान ओटीपी इस नंबर पर भेजा जाएगा। ओटीपी के माध्यम से ही ई-केवाईसी पूरी की जाएगी। यदि उपभोक्ता ई-केवाईसी प्रक्रिया में विफल रहते हैं तो उन्हें 125 यूनिट तक की फ्री बिजली नहीं मिल सकेगी, जो एक महत्वपूर्ण सुविधा है, खासकर उन लोगों के लिए जो आर्थिक रूप से कम संपन्न हैं।
इसके साथ ही, वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्य बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ चुके हैं. प्रदेश में क्लास वन और टू के अधिकारियों की बिजली सब्सिडी को भी बंद किया गया है. जिन्हें अब फरवरी महीने से बिना सब्सिडी वाले बिजली के बिल जारी होंगे.