Himachal: खुली नीलकंठ महादेव की पवित्र झील, भक्तों में खुशी की लहर! ‘हर-हर महादेव’ के गूंजे जयकारे

Edited By Jyoti M, Updated: 12 Jul, 2025 01:11 PM

himachal the holy lake of neelkanth mahadev opened

हिमाचल प्रदेश के उदयपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर, 13,124 फीट की ऊंचाई पर स्थित नीलकंठ महादेव की पवित्र झील इस बार सावन माह शुरू होने से 20 दिन पहले ही श्रद्धालुओं के लिए खुल गई है। आमतौर पर यह झील करीब सात महीने तक बर्फ से ढकी रहती है, लेकिन इस बार...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के उदयपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर, 13,124 फीट की ऊंचाई पर स्थित नीलकंठ महादेव की पवित्र झील इस बार सावन माह शुरू होने से 20 दिन पहले ही श्रद्धालुओं के लिए खुल गई है। आमतौर पर यह झील करीब सात महीने तक बर्फ से ढकी रहती है, लेकिन इस बार समय से पहले बर्फ पिघलने से भक्तजनों को भोलेनाथ के दर्शन का अवसर मिल गया है। झील के आसपास अब "हर-हर महादेव" के जयकारे गूंजने लगे हैं, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है।

नीलकंठ झील की अनूठी विशेषता

इस मनमोहक और पवित्र झील की एक बेहद खास बात यह है कि केवल पुरुष श्रद्धालु ही इसके दर्शन के लिए जा सकते हैं। प्राचीन मान्यताओं और कुछ धार्मिक वर्जनाओं के कारण महिलाएं इस झील की ओर रुख नहीं करती हैं। दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर इस पावन झील के दर्शन को पहुंच रहे हैं। सितंबर-अक्टूबर के महीने के बाद ठंड बढ़ने और बर्फबारी शुरू होने के कारण झील तक आवाजाही बंद हो जाती है।

नीलकंठ महादेव के पुजारी, अमर सिंह, बताते हैं कि श्रद्धालुओं के लिए जून, जुलाई और सितंबर महीने झील के दर्शन के लिए सबसे उपयुक्त रहते हैं। वे भी इस पुरातन मान्यता की पुष्टि करते हैं कि धार्मिक कारणों से महिलाएं यहां नहीं आतीं।

सुरक्षित यात्रा के लिए पुलिस की अपील

पुलिस उप अधीक्षक रश्मि शर्मा ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम का विशेष ध्यान रखकर ही नीलकंठ महादेव झील के दर्शन के लिए निकलें। ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम कभी भी बदल सकता है, इसलिए पूरी तैयारी के साथ ही यात्रा करें।

नीलकंठ महादेव तक कैसे पहुंचें?

नीलकंठ झील तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी होगी, लेकिन यह यात्रा बेहद रोमांचक और आध्यात्मिक अनुभव से भरी होगी.

बस द्वारा: चोखंग गांव के पुजारी अमर सिंह के अनुसार, श्रद्धालु नैनगार गांव तक बस से आ-जा सकते हैं। केलांग बस अड्डे से नैनगार के लिए बस दोपहर 2:45 बजे रवाना होती है। रात्रि विश्राम के बाद, अगले सुबह 6:30 बजे यह बस वापस केलांग के लिए आती है।

छोटे वाहन: नैनगार गांव से आगे पांच किलोमीटर तक छोटे वाहनों में यात्रा की जा सकती है। इस मार्ग पर सड़क बनी हुई है।

ट्रैकिंग: नैनगार से नीलकंठ झील तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 15 किलोमीटर की एकतरफा पैदल यात्रा (ट्रैकिंग) करनी पड़ती है। दिलीप कुमार ने बताया कि यह ट्रैक काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए शारीरिक रूप से स्वस्थ लोगों को ही इस पर जाना चाहिए।

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