Edited By kirti, Updated: 28 Mar, 2020 01:48 PM
इसे मानवता की सेवा कहे या देशभक्ति कहे। परंतु जो भी कहे हमीरपुर की इस लड़की को एक सलाम तो बनता है। हमारे पुराणों और ग्रंथों में नर सेवा ही नारायण सेवा कहा और लिखा गया है। इसी को सार्थक करती नजर आ रही है यह युवती। इस युवती ने मानव सेवा के लिए जो किया...
हमीरपुर: इसे मानवता की सेवा कहे या देशभक्ति कहे। परंतु जो भी कहे हमीरपुर की इस लड़की को एक सलाम तो बनता है। हमारे पुराणों और ग्रंथों में नर सेवा ही नारायण सेवा कहा और लिखा गया है। इसी को सार्थक करती नजर आ रही है यह युवती। इस युवती ने मानव सेवा के लिए जो किया है, उसका उनके खुद के स्वास्थ्य पर क्या असर होगा उन्होंने यह भी नहीं सोचा है। एक ओर जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस के साये में हैं और कई देश अपने स्तर पर इस महामारी की दवा खोजने में लगा है। विश्व के कई देशों में कोरोना से बचने के लिए टीके, मेडिसिन आदि की खोज के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में एक प्रश्न यह बनता है कि यदि यह खोज भी ली जाए तो मानव शरीर पर इसका प्रयोग कैसे होगा।
इसी के लिए हमीरपुर की शैलजा चंदेल ने इसी तरह के प्रयोग के लिए अपना शरीर देने की घोषणा की है। गौर रहे कि जब किसी ऐसे वायरल वायरस से निपटने के लिए मानव शरीर का इस्तेमाल किया जाता है। तो उस समय प्रैक्टिकल के लिए किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर की आवश्यकता पड़ती है। इस स्वस्थ मानव शरीर को पहले वायरस से इन्फेक्टेड किया जाता है उसके बाद दवाई निर्माण की तमाम संभावनाओं पर रिसर्च की जाती है। भगवान न करे अगर प्रयोग सफल नहीं होता है और दवाई नहीं बनाई पा पाती है तो ऐसे में अपना शरीर प्रैक्टिकल के लिए देने वाले व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। शैलजा ने ऐसी घोषणा करके साबित किया है कि देशभक्ति के साथ साथ वे मानवीय सरोकारों के लिए अपना सर्वस्य देने को तैयार है। मानव जाति ऐसे लोगों की हमेशा ऋणी रहेगी।