Edited By Vijay, Updated: 17 Dec, 2020 10:59 PM
प्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना से ठीक हुए मरीजों की चिकित्सीय देखरेख के लिए विशेष ओपीडी केंद्र खोलने की जरूरत महसूस करते हुए प्रदेश सरकार को अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की...
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना से ठीक हुए मरीजों की चिकित्सीय देखरेख के लिए विशेष ओपीडी केंद्र खोलने की जरूरत महसूस करते हुए प्रदेश सरकार को अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ के समक्ष जनहित से जुड़े मामले के पक्षकारों ने बताया कि कोरोना-19 से ठीक हुए मरीज अपनी देखरेख सही ढंग से नहीं कर पाते या उन्हें नैगेटिव आने के बावजूद चैकअप की जरूरत रहती है। इसलिए ऐसे मरीजों के लिए विशेष ओपीडी केंद्र खोले जाने चाहिए। मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि कोविड केयर सैंटरों में सभी मरीजों को एक ही तरह का खाना दिया जाता है, जो संभवत: हर मरीज के लिए उपयुक्त नहीं होता।
कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए कि वह ऐसे मरीजों को विशेष तरह का भोजन उपलब्ध कराने पर विचार करे अथवा उन्हें घर का खाना खाने के लिए स्वीकृति प्रदान करे। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए कि वह उन मरीजों के अटैंडैंट को विशेष प्रमाण पत्र अथवा पास जारी करे, जिन्हें निजी अटैंडैंट की जरूरत हो। इससे मरीजों की उचित देखभाल करने में मदद मिलेगी। कोर्ट ने कोरोना रोगी विशेषकर मधुमेह रोगी, बुजुर्ग व बच्चों को विशेष डाइट उपलब्ध करवाने के आदेश भी दिए। मामले पर अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को होगी।