Edited By Kuldeep, Updated: 20 May, 2024 06:49 PM
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प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं पर पर्याप्त ध्यान न देने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगा
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं पर पर्याप्त ध्यान न देने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने कहा कि वे यह जानकर व्यथित हैं कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए चिकित्सा से जुड़े बुनियादी ढांचे में सुधार करने में बहुत कम रुचि दिखा रही है। कोर्ट ने विशेषकर शिमला, टांडा और चम्बा के मुख्य अस्पतालों में ट्रॉमा सैंटर के बुनियादी ढांचे पर चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने हैरानी जताई कि आईजीएमसी शिमला में मुख्यमंत्री ने 9 मार्च 2023 को ट्रॉमा सैंटर का लोकार्पण किया था परंतु आज तक यह शुरू नहीं हुआ।
स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने पाया कि ये ट्रॉमा सैंटर या तो पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण शुरू नहीं हुए हैं या इनका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। चिकित्सा उपकरणों और मशीनों की कमी के कारण भी ये ट्रॉमा सैंटर सुचारू नहीं बनाए गए हैं। कोर्ट ने चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए मुख्य सचिव को स्वास्थ्य, वित्त, लोक निर्माण, फायर सेफ्टी विभाग और अन्य संबंधित विभागों के मुखिया की एक संयुक्त बैठक बुलाने के आदेश दिए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को शिमला, टांडा और चम्बा में ट्रॉमा सैंटरों को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए कदम उठाने के आदेश भी जारी किए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को 19 जून तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश भी दिए।
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