Hamirpur: बीपीएल परिवारों के लिए बड़ा सहारा है मातृ शक्ति बीमा योजना

Edited By Jyoti M, Updated: 01 Dec, 2024 02:17 PM

hamirpur matri shakti insurance scheme is a big support for bpl families

किसी दुर्घटना, बाढ़ या पानी में डूबने, सांप-बिच्छू या अन्य प्रकार के कीड़ों के काटने, सर्जिकल ऑपरेशन या प्रसव के दौरान किसी गरीब परिवार की महिला एवं लड़की की मौत पर उस परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है।

हमीरपुर। किसी दुर्घटना, बाढ़ या पानी में डूबने, सांप-बिच्छू या अन्य प्रकार के कीड़ों के काटने, सर्जिकल ऑपरेशन या प्रसव के दौरान किसी गरीब परिवार की महिला एवं लड़की की मौत पर उस परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है। एक तो गरीबी और उस पर परिवार के किसी सदस्य की अचानक मौत से परिजनों पर एक साथ कई विपदाएं आ जाती हैं। ऐसी परिस्थितियों से गुजर रहे किसी बीपीएल परिवार के लिए प्रदेश सरकार की मातृ शक्ति बीमा योजना बहुत बड़ा सहारा साबित हो सकती है।

बीपीएल परिवार में अगर 10 से 75 वर्ष तक की किसी महिला सदस्य की मृत्यु अचानक किसी दुर्घटना, सांप-बिच्छू या अन्य प्रकार के कीड़ों के काटने से या किसी सर्जिकल ऑपरेशन और प्रसव के दौरान होती है तो प्रभावित परिवार को मातृ शक्ति बीमा योजना के तहत 2 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाती है। शरीर के किसी अंग के क्षतिग्रस्त होने तथा अपंग होने पर भी महिला या लड़की को एक लाख रुपये दिए जाते हैं। पति की मृत्यु पर भी महिला के लिए इसी योजना के तहत आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है।

अगर प्रभावित परिवार को हिमाचल प्रदेश आपदा एवं राहत नियमावली-2012 के तहत लाभ मिल चुका है, तो उस स्थिति में भी प्रभावित परिवार को मातृ शक्ति बीमा योजना से लाभान्वित करने पर विचार किया जा सकता है। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने बताया कि यह मांग आधारित योजना है और इसका मूल उद्देश्य गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में बीमा कवर प्रदान करना है।इस योजना का प्रीमियम प्रदेश सरकार ही वहन करती है।

उपायुक्त ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए बहुत ही सरल प्रक्रिया निर्धारित की गई है। किसी दुर्घटना या अन्य उपरोक्त कारणों से बीपीएल परिवार की लड़की या महिला की मृत्यु पर प्रभावित परिवार संबंधित खंड विकास अधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र के साथ एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी संलग्न करके इस योजना का लाभ उठा सकता है। अपंग होने की स्थिति में प्राधिकारी द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्र जरूरी है। पति की मृत्यु पर सहायता राशि पाने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा जारी एवं खंड विकास अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित मृत्यु प्रमाण पत्र होना चाहिए।

उपायुक्त ने ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और जिला के सभी पंचायत जनप्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्रों में इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि पात्र एवं जरूरतमंद लोग इसका लाभ उठा सकें।

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