स्वच्छ भारत अभियान में मिसाल बनी ग्राम पंचायत अजौली, उठा रही यह बेहतर कदम

Edited By Simpy Khanna, Updated: 21 Sep, 2019 12:27 PM

gram panchayat ajoli became an example in swachh bharat abhiyan

ऊना जिला की ग्राम पंचायत अजौली स्वच्छता को लेकर अन्य पंचायतों के लिए मिसाल बनती जा रही है। गांव में कूड़े कचरे के प्रबंधन के लिए पंचायत द्वारा हर घर में गीले और सूखे कूड़े के लिए जहां डस्टबिन लगाए जा रहे हैं। वहीं इस कूड़े कचरे से जैविक खाद बनाने के...

ऊना (अमित शर्मा) : ऊना जिला की ग्राम पंचायत अजौली स्वच्छता को लेकर अन्य पंचायतों के लिए मिसाल बनती जा रही है। गांव में कूड़े कचरे के प्रबंधन के लिए पंचायत द्वारा हर घर में गीले और सूखे कूड़े के लिए जहां डस्टबिन लगाए जा रहे हैं। वहीं इस कूड़े कचरे से जैविक खाद बनाने के लिए कचरा प्रबंधन यूनिट भी स्थापित किया गया है। ग्राम पंचायत अजौली स्वच्छता में अब्बल रहते हुए निर्मल ग्राम पुरस्कार सहित 15 लाख के नकद पुरस्कार भी जीत चुकी है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस गांव में चल रहे कार्यों को लेकर ग्रामीण भी खासे उत्साहित है क्योंकि स्वच्छता होगी तो बीमारियां फैलने का खतरा भी नहीं होगा।
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 ग्राम पंचायत अजौली को बर्ष 2013 में निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया जा चूका है वहीं 2015-16 में यह पंचायत महर्षि वाल्मीकि सम्पूर्ण स्वच्छता पुरस्कार भी अपने नाम कर चुकी है। कई पुरस्कारों पर कब्जा करने के बाद भी ग्राम पंचायत अजौली स्वच्छता की दिशा में बेहतर कदम उठा रही है। वर्ष 2015 से ग्राम पंचायत अजौली द्वारा हर घर से कचरा उठाकर कचरा प्रबंधन यूनिट तक पहुंचाने का कार्य शुरू किया गया था। इस कचरे से पंचायत द्वारा केंचुआ खाद बनाई जाती थी। लेकिन इस साल पंचायत ने अपने गांव को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए हर घर में सूखे और गीले कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन पहुंचाए है। 
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पंचायत द्वारा अजौली के वाशिंदों के घरों में करीब तीन हजार डस्टबिन रखे है। पंचायत द्वारा अस्थाई तौर पर रखे गए सफाई कर्मचारी लोगो के घरों से रेहड़ी में गीले और सूखे कचरे को अलग अलग करके कचरा प्रबंधन यूनिट तक पहुंचा रहे है। पंचायत द्वारा अब ग्राम पंचायत कार्यलय के नजदीक ही आधुनिक कचरा प्रबंधन यूनिट तैयार किया है जोकि हिमाचल का दूसरा ऐसा यूनिट है जिसमें आटोमेटिक कंपोजटर, बायोमेडिकल इनसारेटर प्लास्टिक शरैडव लगाए गए है। 
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इससे पहले इस तरह का यूनिट जिला कांगड़ा की एक पंचायत में स्थापित किया गया है। ऑटोमेटिक कंपोजटर के जरिये रसोई के कूड़े से जैविक खाद बनाई जा रही है वहीँ बायोमेडिकल इन्सइटर के जरिये सेनेटरी और नैपी पेड को नष्ट किया जाता है। वहीँ प्लास्टिक शरैडव से प्लास्टिक के सामान को कटिंग करके प्लास्टिक दाना बनाकर प्लास्टिक उद्योगों में भेजा जा रहा है। ग्राम पंचायत अजौली की प्रधान परवीन कुमारी ने कहा कि गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे होते थे जिसे लेकर पंचायत द्वारा गांव को साफ़-स्वच्छ रखने के लिए जो भी जरूरी कदम थे वो उठाये गए है। पंचायत प्रधान की माने तो पंचायत के इस कार्य में सरकार, विभाग और स्थानीय विधायक का भी पूरा सहयोग उन्हें मिल रहा है। 
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वहीं ऊना सदर के विधायक सतपाल रायजादा भी स्वच्छता को लेकर ग्राम पंचायत अजौली की मुहीम के खासे मुरीद है। विधायक की माने तो सभी पंचायतों को अजौली पंचायत से प्रेरणा लेकर स्वच्छता में अपना योगदान देना चाहिए। विधायक ने कहा कि इस कार्य के लिए जो पंचायत भी उनसे सहयोग मांगेगी वो हरसंभव सहायता करने के लिए तैयार है।
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वहीं गांव में स्वच्छता को लेकर पंचायत द्वारा किये जा रहे कार्यों से स्थानीय वाशिंदे भी खासे उत्साहित है। ग्रामीणों की माने तो पहले गली चौराहों पर ऐसे ही कूड़ा कचरा बिखरा रहता था लेकिन पंचायत द्वारा स्वच्छता को लेकर किया गया कार्य सराहनीय है। ग्रामीणों की माने तो अगर गांव में स्वच्छता रहेगी तो बीमारियां फैलने का खतरा भी नहीं होगा। 
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