Edited By Vijay, Updated: 14 Nov, 2018 09:09 PM
हिमाचल में फसल बीमा योजना के नाम पर चांदी कूटने वाली इंश्योरैंस कंपनियों और बैंकों को ज्यादा दिनों तक मनमानी की छूट नहीं दी जाएगी। इनकी ज्यादतियों पर शिकंजा कसने के मकसद से कृषि मंत्री डा. रामलाल मारकंडा ने 21 नवम्बर को शिमला के मशोबरा में सम्मेलन...
शिमला: हिमाचल में फसल बीमा योजना के नाम पर चांदी कूटने वाली इंश्योरैंस कंपनियों और बैंकों को ज्यादा दिनों तक मनमानी की छूट नहीं दी जाएगी। इनकी ज्यादतियों पर शिकंजा कसने के मकसद से कृषि मंत्री डा. रामलाल मारकंडा ने 21 नवम्बर को शिमला के मशोबरा में सम्मेलन बुलाया है। इसमें किसानों के अलावा फसल बीमा कंपनियों और बैंकर्ज को बुलाया गया है। इस दौरान सबसे पहले किसानों को पूछा जाएगा कि आखिर किन वजह से उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और किसान बार-बार बीमा कंपनियों व बैंकों पर मनमानी के आरोप क्यों लगा रहे हैं? इसके बाद सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को उसकी मूलभावना के हिसाब से धरातल पर उतारने को कसरत करेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री लगा चुके हैं फटकार
बीते सितम्बर माह के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह भी राज्य सरकार को फटकार लगा चुके हैं। बकौल राधा मोहन सिंह हिमाचल में फसल बीमा योजना को सही से लागू नहीं किया जा रहा है। इससे किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बीमा कंपनियां और बैंक जरूर कमाई कर रहे हैं। किसानों को असल में विभिन्न कारणों से होने वाले नुक्सान का बहुत कम हिस्सा मिल पा रहा है, जबकि बीमा कंपनियां मालामाल हो रही हैं।