दिव्यांग कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति मामले में केस हारी सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

Edited By Vijay, Updated: 17 Sep, 2019 05:16 PM

government lost case in retirement case of divyang employees

दिव्यांग काडर के कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को आदेश दिए हैं कि वह दिव्यांगों को 58 नहीं बल्कि 60 साल की आयु में ही रिटायर करे। हिमाचल सरकार को दिव्यांगों के हकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार लगी है।

सुंदरनगर (नितेश सैनी): दिव्यांग काडर के कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को आदेश दिए हैं कि वह दिव्यांगों को 58 नहीं बल्कि 60 साल की आयु में ही रिटायर करे। हिमाचल सरकार को दिव्यांगों के हकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार लगी है। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगों के हक में फैसला सुनाया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने दिव्यांगों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 से 60 वर्ष करने का फैसला हिमाचल सरकार को सुनाया था लेकिन हिमाचल सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे हाल ही में सुप्रीम कार्ट ने दिव्यांगों के हक में दिया है और हिमाचल सरकार को तय समय अवधि के भीतर दिव्यांगों को तमाम सुविधाएं मुहैया करवाने के आदेश भी दिए है।

सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार बनाम कृष्ण चंद व अन्य दिव्यांगों के मामलों को लेकर चुनौती दी गई थी। उसमें 13 सितम्बर, 2019 को हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट में दिव्यांगों के विरूद्ध सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष करने का फैसला हार चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेशों के तहत प्रदेश में लाखों दिव्यांग लाभांन्वित होंगे। दिव्यांगों के हक में पहले ही ट्रिब्यूनल ने 10 जनवरी, 2018 को और हाईकोर्ट ने 5 नवम्बर, 2018 को भी फैसला सुनाया था। फिर भी वित्त, कानून व मुख्य सचिव और विभागीय अधिकारियों द्वारा भेदभाव करने, अपमानित, तिरस्कार, प्रताडि़त करने का कार्य दिव्यांगों के साथ किया गया।

हिमाचल सरकार में बैठी अफसरशाही ने गलत व तथ्यहीन रिपोर्ट सरकार को दिव्यांगों के पक्ष में प्रस्तुत की लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हाल में ही में आदेश आने के बाद हिमाचल सरकार की अफसरशाही ने खूब किरकिरी करवाई है। अगर सरकार चाहती तो समय रहते इस निर्णय को पंजाब समेत अन्य राज्यों की सरकारों की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी लागू कर सकती थी जोकि पंजाब में वर्ष 2013 से लागू है लेकिन अफसरशाही के आगे सरकार की एक भी नहीं चली और मजबूरन होकर अब सुप्रीम कोर्ट में हार का सामना करना पड़ा। अब हिमाचल सरकार बिना समय बर्बाद किए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करे ताकि प्रदेश का दिव्यांगजनों का यह काडर लाभान्वित हो सके।

बता दें कि हिमाचल सरकार ने दिव्यांगजनों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 से 60 वर्ष करने की अधिसूचना 29 मार्च, 2013 को जारी की थी और 2 अगस्त, 1999 की अधिसूचना व अन्य निर्णयों, नियमों, कानूनों विशेष मौलिक अधिकारियों के बावजूद भी सरकार दिव्यांगों को तमाम सुख-सुविधाएं नहीं दे पाई है। उधर, मुख्य समाजसेवी एवं दिव्यांगजनों के कानूनी सलाहकार कुशल कुमार सकलानी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला आने के बाद दीवाली पर्व पर इस फैसले को लागू करने की मांग की है ताकि दिव्यांगों व उनके परिवारों के साथ वर्षों से हो रहे अन्याय के बदले में असल मायने में न्याय मिल सके।

 

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