Edited By Vijay, Updated: 03 Sep, 2024 04:45 PM
हिमाचल प्रदेश के पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कांग्रेस सरकार पर प्रदेश में उत्पन्न वित्तीय संकट के लिए कड़ा तंज कसा है। उन्होंने सरकार के कुप्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि....
घुमारवीं: हिमाचल प्रदेश के पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कांग्रेस सरकार पर प्रदेश में उत्पन्न वित्तीय संकट के लिए कड़ा तंज कसा है। उन्होंने सरकार के कुप्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एक तरफ कांग्रेस के कैप्टन और उनके 'प्लेइंग इलैवन' प्रदेश की कमजोर वित्तीय स्थिति का हवाला देकर जनता के सामने रोना रोते हैं, जबकि दूसरी ओर अपने मित्रों के लिए मलाईदार पोस्टिंग का इंतजाम कर रहे हैं।
राजेंद्र गर्ग ने एक सरकारी नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने बोर्ड के अध्यक्ष का मानदेय 30 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 30 हजार कर दिया है, जो सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पर इस समय 87 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, और अगले वित्त वर्ष से पहले यह आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा।
हिमाचल प्रदेश का सालाना बजट 58 हजार 444 करोड़ रुपए का है, जिसमें से वेतन, पैंशन, और कर्ज चुकाने में प्रतिवर्ष 42 हजार 79 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। गर्ग ने कहा कि यह स्थिति जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है और सरकार का रिटायर्ड कर्मियों को फिर से नौकरी पर रखना युवाओं के साथ धोखा है।
राजेंद्र गर्ग ने यह भी आरोप लगाया कि आईजीएमसी (इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज) में मुफ्त ओपन हार्ट सर्जरी बंद कर दी गई है, जो सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा करती है। हिमकेयर और आयुष्मान योजना के तहत बिलों का भुगतान न होने पर दवा विक्रेताओं ने उपकरण और दवाएं देने से इंकार कर दिया है, जिससे इन योजनाओं के तहत इलाज करवाने आए मरीजों को चिकित्सकों द्वारा घर भेजा जा रहा है।
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