Himachal: उड़नपरी सीमा का छलका दर्द, कहा- 'मैं शायद आकांक्षी जिला चम्बा से हूं, इसलिए नहीं मिला पुरस्कार'

Edited By Vijay, Updated: 05 Dec, 2024 10:05 PM

flying angel seema

मैं शायद आकांक्षी जिला चम्बा से हूं। इसलिए मुझे राज्य स्तरीय समारोह में नकद पुरस्कार नहीं मिला। इस अनदेखी से काफी शर्मिंदा भी हूं।

चम्बा (काकू चौहान): मैं शायद आकांक्षी जिला चम्बा से हूं। इसलिए मुझे राज्य स्तरीय समारोह में नकद पुरस्कार नहीं मिला। इस अनदेखी से काफी शर्मिंदा भी हूं। यह बात उड़नपरी सीमा ने पंजाब केसरी के साथ बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मैडल जीतने पर फेसबुक के माध्यम से मंत्री व विधायकों ने उन्हें खूब बधाइयां दीं, लेकिन जब पुरस्कार देने का समय आया तो उसका नाम तक भूल गए। दूरभाष के माध्यम से मंत्री व विधायकों से संपर्क किया गया, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला। खेल मंत्री ने तो पहचानने से इंकार कर दिया। इस तरह का भेदभाव खिलाड़ियों का मनोबल तोड़ देता है। सीमा ने बताया कि 2022 से अब तक उसने राष्ट्रीय स्तर पर 4 मैडल जीते हैं। इसमें एशियान क्राॅस कंट्री भी शामिल है। इसके बावजूद उसे पुरस्कार का हकदार नहीं माना गया। शिकायत किससे करें, कोई सुनने को तैयार नहीं है।
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चम्बा के एथलीट्स पर नहीं पड़ी सरकार की नजर 
उधर, जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने कहा कि सरकार ने वीरवार को प्रदेश भर के खिलाड़ियों को कैश रिवार्ड देकर सम्मानित किया, लेकिन चम्बा के एथलीट्स पर सरकार की नजर नहीं पड़ी। चम्बा के खिलाड़ियों ने भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम चमकाया है। उड़नपरी सीमा अब तक 20 से ज्यादा राष्ट्रीय मैडल जीत चुकी है। यूथ ओलिंपिक में भाग लेने वाली हिमाचल की पहली खिलाड़ी है। उसने भी पुरस्कार के लिए आवेदन किया था, लेकिन सरकार उसे भूल गई। उन्होंने कहा कि चम्बा भी हिमाचल का ही हिस्सा है। चम्बा के खिलाड़ी भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन चम्बा के साथ हमेशा भेदभाव होता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि चम्बा को नजरअंदाज न किया जाए। चम्बा की बेटी को हक मिलना चाहिए। वह गरीब परिवार से संबंध रखती है। 7 साल की उम्र में उसके पिता का देहांत हो गया था। गौर रहे कि वीरवार को शिमला में एक समारोह का आयोजन हुआ। इसमें 21 राष्ट्रीय पदक विजेताओं को 14.77 करोड़ रुपए के नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
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4 मैडल जीतने पर भी नहीं मिला कोई पुरस्कार 
सीमा ने इसी वर्ष अक्तूबर माह एशियन चैंपियनशिप क्राॅस कंट्री में देश के लिए गोल्ड मैडल जीता था। 2017 में यूथ ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2018 में भी यूथ ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मैडल जीतने पर सरकार ने 5 लाख रुपए देने का प्रावधान कर रखा है, लेकिन 4 मैडल जीतने पर भी उसे कोई पुरस्कार नहीं मिला।

क्या कहते हैं विधायक
चम्बा सदर के विधायक नीरज नैय्यर ने कहा कि इस संबंध में सीएम व खेल मंत्री से बात की जाएगी। अगर वह पुरस्कार की हकदार है तो उसे पुरस्कार दिलाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं सीमा को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के लिए पहले ही खेल सचिव को इस बेटी के मैडल की सूची भेजी जा चुकी है। जल्द उसे आर्थिक मदद भी प्रदान की जाएगी।
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