Edited By Vijay, Updated: 05 Feb, 2025 10:41 PM
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को दभोटा में उत्तर भारत के पहले एक मैगावाट क्षमता के ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखी।
नालागढ़ (सतविन्द्र): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को दभोटा में उत्तर भारत के पहले एक मैगावाट क्षमता के ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि 9.04 करोड़ रुपए की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा ऑयल इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान से विकसित किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को एक वर्ष की समयावधि के भीतर परियोजना को पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरित ऊर्जा राज्य की परिकल्पना को साकार करते हुए सरकार ने 26 अप्रैल, 2023 को ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। हरित हाईड्रोजन पहल के रूप में यह परियोजना स्थायी ऊर्जा समाधान के लिए सरकार प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। यह संयंत्र इलैक्ट्रोलाइट के रूप में क्षारीय पोटाशियम हाईड्रोक्साइड घोल का उपयोग कर इलैक्ट्रोलाइसिस के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से हाईड्रोजन का उत्पादन सुनिश्चित करेगा। इस विधि से ग्रीन हाऊस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी और स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा।
इस संयंत्र की प्रतिदिन 423 किलोग्राम ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पादन की क्षमता है जिसके लिए प्रति किलोग्राम हाईड्रोजन के उत्पादन के लिए 13 लीटर पानी की आवश्यकता होगी। भूमिगत जल के रूप में ट्यूबवैल के माध्यम से पानी की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा। उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान प्रति किलोग्राम हाईड्रोजन के लिए लगभग 52.01 यूनिट बिजली की खपत होगी। संयंत्र द्वारा वार्षिक 1,54,395 किलोग्राम ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पादित होने की संभावना है। सरकार 500 मैगावाट सौर ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में प्रगतिशील है।
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