Sirmaur: फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट एन. जॉन कैम ने हिमाचल में नहीं की कोई सर्जरी, वरना पैदा होते MP जैसे हालात

Edited By Vijay, Updated: 12 Apr, 2025 11:31 AM

fake cardiologist didn t any surgery in himachal

शभर में चर्चित फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन. जॉन कैम ने हिमाचल प्रदेश में कोई हार्ट सर्जरी नहीं की, वरना मध्य प्रदेश के दमोह में सामने आए हालात यहां भी पैदा हो सकते थे।

नाहन (आशु वर्मा): देशभर में चर्चित फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन. जॉन कैम ने हिमाचल प्रदेश में कोई हार्ट सर्जरी नहीं की, वरना मध्य प्रदेश के दमोह में सामने आए हालात यहां भी पैदा हो सकते थे। इस फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट के तार हिमाचल से भी जुड़े हैं। देशभर में लोगों को हिलाकर रख देने वाले इस मामले में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे फर्जी डाॅक्टर की जांच पड़ताल क्यों नहीं की? अब जब मध्य प्रदेश के दमोह में हार्ट सर्जरी के बाद 7 लोगों की मौत हो हुई तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र यादव जिला सिरमौर के पांवटा साहिब और नाहन में बतौर कथित हार्ट सर्जन के रूप में अपनी सेवाएं दे चुका है। नाहन के निजी अस्पताल में भी वह कई बार बाह्य रोगी विभाग में हार्ट के मरीजों की जांच करता था। ये दोनों ही अस्पताल एक ही ब्रांच के हैं।

स्वास्थ्य विभाग के लिए गंभीर चेतावनी   
हिमाचल प्रदेश में भी स्वास्थ्य विभाग के लिए ये भी चेतावनी है कि भविष्य में इस तरह की नियुक्तियों में पूरी सतर्कता बरती जाए। इस पूरे मामले ने न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर दिया है, बल्कि यह भी उजागर किया है कि फर्जी चिकित्सक किस तरह छोटे शहरों और कस्बों में अपनी पहचान छिपाकर काम कर रहे हैं। 

सिरमौर में दबिश दे सकती है मध्य प्रदेश पुलिस
माना जा रहा है कि जैसे-जैसे इस मामले की जांच आगे बढ़ेगी तो मध्य प्रदेश पुलिस इस मामले में आने वाले समय में नाहन और पांवटा साहिब में भी दबिश दे सकती है। लिहाजा यहां जांच की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। 

संदेहास्पद सेवाओं के चलते नौकरी से निकाला 
बताया जा रहा है कि नाहन से एंजियोग्राफी और ईको टैस्ट के लिए मरीज पांवटा साहिब ही जाते थे, लेकिन इस बीच कई मरीजों की रिपोर्ट में भी कई तरह के सवाल उठते थे। ऐसे में निजी अस्पताल प्रबंधन ने भी इस पर कड़ा रुख लिया और अस्पताल से उसकी सेवाओं को समाप्त कर दिया। सिरमौर में अपनी सेवाओं के दौरान ये डाॅक्टर अपनी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। इसी कारण उसे हृदय शल्य चिकित्सा की अनुमति नहीं मिली। उसने देहरादून का आधार कार्ड भी पेश किया था और खुद को इंगलैंड से डिग्री धारक बताया था।

निजी अस्पताल से मांगी जानकारी : सीएमओ
सीएमओ सिरमौर डाॅ. अमिताभ जैन ने कहा कि फिलहाल मामला संज्ञान में नहीं है, लेकिन इस संबंध में जिला के संबंधित निजी अस्पताल से विस्तृत जानकारी मांगी जा रही है। समस्त निजी अस्पतालों को आदेश जारी किए जा रहे हैं कि अस्पतालों में डाक्टर की तैनाती से पूर्व उसके दस्तावेजों सहित अन्य डिटेल की गहनता से जांच पड़ताल की जाए।  

अस्पताल में कोई सर्जरी नहीं की : डाॅ. बेदी 
श्री साई अस्पताल के प्रबंध निदेशक डाॅ. दिनेश बेदी ने कहा कि उक्त व्यक्ति ने यूके की डिग्री प्रस्तुत की थी, लेकिन जांच के दौरान उसमें कुछ संदेहास्पद बातें सामने आई थीं। लिहाजा प्रबंधन ने उसे तत्काल नौकरी से निकाल दिया। उक्त डाॅक्टर ने यहां के अस्पताल में कोई भी सर्जरी नहीं की थी।
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