हिमाचल में बारी-बारी की सरकारों ने बर्बाद किया शिक्षा का ढांचा : केजरीवाल

Edited By Vijay, Updated: 11 Jun, 2022 07:31 PM

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हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने 30 साल और भाजपा ने 20 साल बारी-बारी सरकारें चलाकर शिक्षा के ढांचे को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है। आप लोगों को अच्छी शिक्षा, भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था व स्वच्छ राजनीति चाहिए तो आप एक अवसर आम आदमी पार्टी को दे दीजिए...

हमीरपुर (प्रकाश): हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने 30 साल और भाजपा ने 20 साल बारी-बारी सरकारें चलाकर शिक्षा के ढांचे को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है। आप लोगों को अच्छी शिक्षा, भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था व स्वच्छ राजनीति चाहिए तो आप एक अवसर आम आदमी पार्टी को दे दीजिए और जैसे चल रहा है वैसे ही चलता रहे तो एक अवसर और दे दो कहकर बारी-बारी सरकार बनाने वालों का समर्थन कर दीजिए। यह खुला आह्वान आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हमीरपुर में शिक्षा जनसंवाद कार्यक्रम में उपस्थित लोगों की शंकाओं का निवारण करने के बाद अपने संबोधन में किया। 
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दिल्ली में हमें विरासत में हिमाचल से भी बदतर शिक्षा का ढांचा मिला 
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हमें विरासत में हिमाचल से भी बदतर शिक्षा का ढांचा मिला था लेकिन हमने राजनीति में आने से पहले समाज सेवा के दौरान यह महसूस किया था कि गरीब से गरीब आदमी खुद भूखा रहकर भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता है। इसलिए हमने सरकार बनने के बाद सबसे पहले शिक्षा का बजट बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया और दिल्ली के स्कूलों के भवनों को तुड़वाकर उनका नवीनीकरण शुरू किया। आज दिल्ली में सर्व सुविधा संपन्न आलीशान स्कूल हैं, कई स्कूलों में स्विमिंग पूल भी हैं। सत्ता मिलने से अब तक हम दिल्ली के स्कूलों को सुधारने पर 7 वर्षों में 85 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। 

दिल्ली के 400 बच्चों को इस साल आईआईटी में प्रवेश मिला
केजरीवाल ने कहा कि हमने शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधारी है। दिल्ली के 400 बच्चों को इस साल आईआईटी में प्रवेश मिला, जिससे आकर्षित होकर 4 लाख बच्चे निजी स्कूल छोड़ कर सरकारी स्कूलों में दाखिल हुए हैं। दिल्ली में जमा एक व दो कक्षा में डेढ़ लाख बच्चे पढ़ रहे हैं और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इनमें से एक भी बच्चा बेरोजगार नहीं रहेगा। हम उन्हें नौकरी ढूंढने वाला नहीं नौकरी देने वाला बना रहे हैं जबकि इसके उलट हिमाचल सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 8.50 लाख बच्चों को बिगाड़ने पर तुली है क्योंकि न तो यहां पर शिक्षा का उच्च स्तरीय ढांचा है और न ही शिक्षक-छात्र सही हैं। हिमाचल की जनता से हम एक और नहीं सेवा का केवल एक अवसर मांग रहे हैं, मौका देंगे तो जो दिल्ली में कर चुके हैं और पंजाब में करने की शुरूआत कर चुके हैं इसकी हिमाचल में भी शुरूआत करेंगे। अगर ऐसा नहीं कर पाए तो फिर आपके समक्ष समर्थन मांगने नहीं आएंगे।

शिक्षा संवाद में लोगों ने पूछे केजरीवाल से प्रश्न
शिक्षा संवाद कार्यक्रम में आशा देवी ने निजी स्कूलों की अधिक फीस, सुरेश चंद ने पेपर लीक, मनीश कुमार ने प्रदेश के स्कूलों के शिक्षा ढांचे, अनीता ने सरकारी स्कूलों में टीचर न होने व रमेश ठाकुर ने शिक्षा की गुणवत्ता बारे सवाल पूछे। अरविंद केजरीवाल ने फीस बढ़ौतरी पर कहा कि पंजाब सरकार ने निजी स्कूलों को फीस न बढ़ाने व किताबों-वॢदयों आदि का व्यवसाय न करने के निर्देश दिए थे। कुछ स्कूल नहीं मान रहे थे तो उन्होंने कल ही इस पर कड़ा फैसला लेकर ऐसे स्कूलों को चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि हमें अगर लोग मौका देंगे तो हम सरकारी स्कूलों में दिल्ली की तर्ज पर सुधार करेंगे। लोगों को बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने की नौबत ही नहीं आने देंगे।

स्कूल तोड़कर मॉल बनाने का मुद्दा उठाया
केजरीवाल ने कहा कि हिमाचल और दिल्ली की सरकार में फर्क है। हम पुराने स्कूल तोड़कर आलीशान भवन बना रहे हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश की सरकार मंडी में गरीब बच्चों के स्कूल को तुड़वाकर मॉल बनवाती है। गरीब बच्चों को अपना स्कूल बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ता है। इसके बावजूद सरकार उनकी एक नहीं सुनती। इससे यह पता चलता है कि हिमाचल की सरकारें शिक्षा को लेकर कितनी संजीदा हैं। 

कोई पार्टी दूर नहीं कर सकती गरीबी : भगवंत मान
देश की सभी पार्टियां गरीबी हटाने की बात कर सत्ता में आती हैं लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कोई पार्टी गरीबी दूर नहीं कर सकती। गरीबी तभी दूर होगी जब गरीब घरों के बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अच्छी जगह नौकरी करें और यह तभी संभव होगा जब शिक्षा सस्ती भी हो और इसमें गुणवत्ता भी हो। यह काम देश में केवल आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में कर चुकी है और पंजाब में इसकी शुरूआत हो चुकी है। यह बात पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिक्षा संवाद कार्यक्रम में कही। 

हम आम घरों से निकले हुए लोग, राजनीति की समझ ज्यादा नहीं
लोगों के समक्ष हल्के-फुल्के अंदाज में हिंदी-पंजाबी मिक्स खिचड़ी भाषा में अपनी बात रखते हुए भगवंत मान ने कहा कि हम आम घरों से निकले हुए लोग हैं, राजनीति की समझ ज्यादा नहीं है। पंजाब में 30 से 35 वर्ष की आयु के 70 विधायक चुन कर लोगों ने अबकी बार विधानसभा में भेजे हैं, जिनमें से कोई किसी राजनेता का बेटा या बेटी नहीं है। अगर आप लोग भी चाहते हैं कि आम घरों के बच्चे आम आदमी की जरूरत के अनुसार सरकार बनाएं और राजनीति में आगे बढ़ें तो केवल आम आदमी पार्टी का साथ दीजिए। आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का वायदा करके सत्ता में आई है, इसलिए पंजाब सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है और भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा जा रहा है। 

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