Edited By Vijay, Updated: 17 Feb, 2019 11:06 PM
डल्हौजी पब्लिक स्कूल ने पुलवामा हमले में शहीद हिमाचल प्रदेश के जवान तिलक राज के दोनों बच्चों को अपने स्कूल में पढ़ाने का परिजनों को प्रस्ताव दिया है। देश के नामी स्कूलों में से एक डल्हौजी पब्लिक स्कूल (डी.पी.एस.) में बच्चे होस्टल में रहकर ही पढ़ाई...
डल्हौजी (सुभाष महाजन): डल्हौजी पब्लिक स्कूल ने पुलवामा हमले में शहीद हिमाचल प्रदेश के जवान तिलक राज के दोनों बच्चों को अपने स्कूल में पढ़ाने का परिजनों को प्रस्ताव दिया है। देश के नामी स्कूलों में से एक डल्हौजी पब्लिक स्कूल (डी.पी.एस.) में बच्चे होस्टल में रहकर ही पढ़ाई करते हैं। इसमें देश भर से बच्चे दाखिला लेने के लिए आते हैं। स्कूल के चेयरमैन एवं निदेशक डा. कैप्टन जी.एस. ढिल्लों ने बताया कि पुलवामा की घटना बेहद दुखदायी है। शहीद तिलक राज सहित अन्य जवानों के देश को दिए बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
बच्चों की सारी पढ़ाई व यहां रहने का खर्च स्कूल वहन करेगा
उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सारा देश इन परिवारों के साथ है। इस घड़ी में डल्हौजी पब्लिक स्कूल ने भी फैसला लिया है कि यदि तिलक राज के परिवार के सदस्य अपने बच्चों को उनके स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं तो उन बच्चों की सारी पढ़ाई व यहां रहने का खर्च स्कूल वहन करेगा। शहीद तिलक राज के दो बेटे हैं, इनमें एक अभी 24 दिन का है जबकि दूसरा 3 साल का है। जी.एस. ढिल्लों खुद सेना में रहे हैं। उनके दादा दीवान सिंह देश के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे।
शहीद की पत्नी व परिजन जब चाहेंगे तब देंगे दाखिला
जी.एस. ढिल्लों ने बताया कि जवान के दर्द सेना से जुड़े लोग व उनके परिवार काफी नजदीक से समझ पाते हैं, ऐसे में इस दुख की घड़ी में हम इस परिवार के साथ हैं। जब शहीद तिलक राज की पत्नी व परिजन चाहेंगे कि उनके बच्चों को डी.पी.एस. में दाखिल किया जाए तो उन्हें यहां पूरे सम्मान के साथ स्कूल में दाखिला दिया जाएगा और उन्हें यहां होस्टल की सुविधा व अन्य सुविधाएं भी नि:शुल्क दी जाएंगी। उल्लेखनीय है कि जी.एस. ढिल्लों सेना में होने के कारण सैन्य परिवारों से काफी जुड़े रहे हैं। उन्होंने स्कूल के समीप ही एक अपनी माता के नाम पर डिफैंस पार्क भी स्थापित करवाया है और स्कूल में वर्ष 2014 में 108 फुट लंबा राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किया गया है।