टैक्नोमैक घोटाला : मुख्य आरोपी को दुबई से भारत लाने के लिए अरबी भाषा में तैयार होंगे दस्तावेज

Edited By Vijay, Updated: 21 Jan, 2020 04:21 PM

documents will prepared in arabic language to bring main accused from dubai

हिमाचल में 4300 करोड़ से अधिक के घोटाले को अंजाम देकर फरार होने वाले मास्टर माइंड राकेश शर्मा को दुबई से भारत लाने में लाखों रुपए का खर्च आएगा। आरोपी के खिलाफ वहां की अदालत में जो दस्तावेज पेश किए जाने हैं, वे अंग्रेजी के साथ अरबी भाषा में भी तैयार...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल में 4300 करोड़ से अधिक के घोटाले को अंजाम देकर फरार होने वाले मास्टर माइंड राकेश शर्मा को दुबई से भारत लाने में लाखोंरु पए का खर्च आएगा। आरोपी के खिलाफ वहां की अदालत में जो दस्तावेज पेश किए जाने हैं, वे अंग्रेजी के साथ अरबी भाषा में भी तैयार किए जाएंगे। सूचना के अनुसार ऐेसे में मामले की जांच में जुटी सीआईडी ने गृह विभाग के माध्यम से सरकार से अरबी भाषा में दस्तावेज तैयार करने के लिए साढ़े 3 लाख रु पए की मांग की है। सूचना के अनुसार सरकार से यह मामला वित्त विभाग को भेज दिया गया है और जल्द ही उक्त राशि जारी कर दी जाएगी। अंग्रेजी भाषा में दस्तावेज तैयार कर गृह मंत्रालय को भेजे गए थे लेकिन कुछ आपत्तियां लगी हैं , जिन्हें अब दूर किया जा रहा है। इसके साथ ही अरबी भाषा में दस्तावेज दिल्ली में तैयार होंगे, इसको लेकर कुछ एजैंसियों से संपर्क भी किया जा चुका है।

आरोपी के खिलाफ इंटरपोल से जारी करवाया था रैड कॉर्नर नोटिस

बता दें कि आरोपी के खिलाफ इंटरपोल से रैड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने के लिए भी जांच एजैंसी ने एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके आधार पर उसे दुबई में वहां की स्थानीय पुलिस ने पकड़ कर हिरासत में लिया था। टैक्नोमैक कंपनी घोटाले में अब तक करीब 13 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें 11 कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी हैं। घोटाले की जांच के तहत आबकारी एवं कराधान विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारी भी जांच दायरे में हैं। पूरे घोटाले को लेकर सीआईडी ने 2 मामले दर्ज किए थे और दोनों ही मामलों में चालान अदालत में पेश किया जा चुका है। घोटाले में संलिप्त सरकारी मुलाजिमों के खिलाफ जल्द ही जांच एजैंसी सप्लीमैंट्री चालान पेश करेगी। इनमें से कुछ के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी भी मिल चुकी है।

कार्रवाई की बजाय साधी रखी चुप्पी

सीआईडी जांच में सामने आया है कि जाली बिलों के माध्यम से कंपनी ने उत्पादन ज्यादा दिखाया जबकि विभाग के मुलाजिमों ने कार्रवाई के बजाय चुप्पी साधे रखी। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब स्थित मैसर्ज इंडियन टैक्नोमैक कंपनी की चल और अचल संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अस्थायी रूप से अटैच भी किया था। 

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