यहां दैवीय शक्ति से पिंडी में सुनाई दी दिव्य ध्वनि

Edited By Vijay, Updated: 22 Nov, 2020 10:02 PM

divine sound in pindi

जिला कुल्लू की बंजार घाटी के तहत आने वाले बूंगा गोपालपुर कोठी के गोशाल कड़ाहिल के अधिष्ठाता देवता बुंगडू महादेव का प्राचीन देव स्थल रूपी वैली तलाड़ा में मौजूद है। कहते हैं कि रूपी वैली के तहत तलाड़ा नामक गांव, जो पार्वती नदी के समीप बसा है, प्राचीन...

कुल्लू (धनी राम): जिला कुल्लू की बंजार घाटी के तहत आने वाले बूंगा गोपालपुर कोठी के गोशाल कड़ाहिल के अधिष्ठाता देवता बुंगडू महादेव का प्राचीन देव स्थल रूपी वैली तलाड़ा में मौजूद है। कहते हैं कि रूपी वैली के तहत तलाड़ा नामक गांव, जो पार्वती नदी के समीप बसा है, प्राचीन समय में पार्वती नदी में भयंकर बाढ़ आ गई थी, जिससे तलाड़ा गांव के समीप खेत-खलिहान बाढ़ में बह गए थे। वहीं तलाड़ा के समीप कुछ ही दूरी पर स्थित देवता बुंगडू महादेव की पिंडी स्थापित थी जोकि बाढ़ के पानी से मिट्टी में दब गई थी।

पानी पीने के लिए नदी में उतरा तो सुनाई दी दिव्य ध्वनि

वहीं कुछ समय बाद एक हारियान द्रंग से नमक लेकर घर की ओर जा रहा था। लारजी के समीप पहुंचते ही उसे प्यास लगी और जैसे ही वह पानी पीने के लिए नदी में उतरा तो उसे दिव्य ध्वनि सुनाई दी, जिसमें उसे सुनाई दिया कि देवता बुंगडू महादेव की पिंडी इसी जगह पर है। दिव्य ध्वनि में देवता ने पिंडी कड़ाहिल छोडऩे के लिए कहा। देव आदेश के बाद व्यक्ति ने गोशाल कड़ाहिल जाकर देव विधि अनुसार पिंडी की स्थापना की। आज भी बुंगडू महादेव का पहला गाडूआ रूपी वैली खनैरगी और दूसरा गाडूआ रोट कंढा में लगता है।

क्या कहते हैं देवलू

घाटी के रोट इलाके के देवलू उत्तम राम, रोत राम, झाबे राम, दुर्गा सिंह व तेजा सिंह ठाकुर कहते हैं कि देवता बुंगडू महादेव का 2 जगहों पर गाडूआ लगता है। उन्होंने कहा कि पहला गाडूआ खनैरनी और दूसरा रोट कंढा में लगता है। दैवीय शक्ति से मिट्टी में दबी पिंडी इलाके के हारियान को मिली थी। देवता की स्थापना होने के बाद आज तक लोग देवता की पिंडी को पूजते आ रहे हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!