Edited By Kuldeep, Updated: 24 Aug, 2024 06:14 PM
वार्षिक परीक्षाओं में नकल के मामलों के चलते निजी स्कूलों में बनाया गया परीक्षा केंद्र यदि रद्द किया जाता है तो जमा राशि को जब्त कर लिया जाएगा।
धर्मशाला (नवीन): वार्षिक परीक्षाओं में नकल के मामलों के चलते निजी स्कूलों में बनाया गया परीक्षा केंद्र यदि रद्द किया जाता है तो जमा राशि को जब्त कर लिया जाएगा। यह वह राशि होगी, जिसे निजी स्कूलों की ओर से सिक्योरिटी के रूप में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के पास जमा करवाना होगा। सिक्योरिटी के रूप में निजी स्कूलों को 10 हजार रुपए जमा करवाने होंगे। हालांकि पहले यह व्यवस्था नहीं होती थी लेकिन अब यह व्यवस्था बोर्ड की ओर से आरंभ की जा रही है। सभी निजी स्कूल जो कि बोर्ड से संबद्धता प्राप्त हैं, को आवश्यक किया गया है कि वह 10 हजार रुपए सिक्योरिटी के रूप में बोर्ड में डिपोजिट करवाएं। यह रुपए जब तक डिपोजिट रहेगा जब तक संबंधित स्कूल परीक्षा केंद्र चाहेगा। यह रुपए उस दौरान रिफंड कर दिया जाएगा जब स्कूल की ओर से कहा जाएगा कि वह स्कूल में परीक्षा केंद्र नहीं चाहता है।
हालांकि यह भी व्यवस्था की गई है कि यह राशि उस समय जब्त कर ली जाएगी, जब जब नकल मामलों के चलते सैंटर को रद्द कर दिया गया हो। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। तमाम प्रयासों के बावजूद परीक्षाओंं में नकल होती है। कई मामलों में यह भी सामने आया है कि बेहतर रिजल्ट देने के चक्कर में अध्यापक ही परीक्षाओं में नकल करवा रहे हैं। हाल ही में बोर्ड ने नकल संबंधित गतिविधियों के चलते 7 परीक्षा केंद्रों को एक साल के लिए सस्पैंड कर दिया गया है। उधर हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव डा. मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए यह आवश्यक किया गया है कि 10 हजार रुपए सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाएं। उन्होंने कहा कि नकल के मामलों के कारण यदि परीक्षा केंद्र रद्द होता है तो यह राशि जब्त कर ली जाएगी।