Edited By Kuldeep, Updated: 01 Dec, 2025 11:38 PM

प्रदेश सरकार मणिमहेश यात्रा के लिए नई एसओपी बनाएगी ताकि किसी प्रकार की असुविधा श्रद्धालुओं को न हो सके। इसके अलावा अफवाहें फैलाने के लिए भी सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाएगी।
तपोवन (धर्मशाला) (जिनेश): प्रदेश सरकार मणिमहेश यात्रा के लिए नई एसओपी बनाएगी ताकि किसी प्रकार की असुविधा श्रद्धालुओं को न हो सके। इसके अलावा अफवाहें फैलाने के लिए भी सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाएगी। यह बात राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने चम्बा के विधायक नीरज नैयर के प्रश्न के जवाब में विधानसभा में दी। उन्होंने कहा कि इस साल सितम्बर में मणिमहेश यात्रा के दौरान आपदा में 16 हजार श्रद्धालु फंस गए थे। उन्होंने कहा कि फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए सरकार द्वारा 233 सरकारी बसें, 2 निजी हैलीकॉप्टर तथा वायु सेना के चिनूक और एम.आई. 17 हैलीकॉप्टर तैनात किए गए थे। नेगी ने कहा कि इस दौरान 1.17 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हुआ है।
वहीं वायुसेना से 5.68 करोड़ की अधिक राशि का बिल हाल ही में प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि भरमौर-चम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग 154 ए भारी बारिश होने के चलते 23 अगस्त से 11 सितम्बर तक 20 दिनों के लिए विभिन्न स्थानों पर बंद रहा था। नेगी ने बताया कि इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद हुए स्थानों के बीच में रुक-रुक कर चलता रहा। नेगी ने कहा कि मणिमहेश में आई आपदा के बाद मुख्यमंत्री ने भी हवाई सर्वेक्षण किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों द्वारा अफवाहें फैलाई गईं कि 4 हजार से अधिक लोगों की मौत मणिमहेश यात्रा के दौरान हुई है। उन्होंने बताया कि केवल 17 मौतें उस दौरान हुई थीं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों द्वारा इतनी तक अफवाहें फैलाई गईं की प्रदेश सरकार द्वारा इंटरनैट आदि तक आंकड़ों को छुपाने के लिए बंद कर दिया गया था, जबकि इंटरनैट आदि की सुविधा को बंद करना केंद्र सरकार का काम है। इसी प्रश्न के दौरान विधायक डा. जनक राज ने कहा कि इस आपदा के दौरान कई दुकानें व लंगर बंद हो गए थे तथा काफी नुक्सान पहुंचा था तथा सरकार उनको राहत राशि जारी करे। इस पर मंत्री ने कहा कि जिन दुकानदारों को नुक्सान हुआ था उनको राहत राशि जारी कर दी गई है तथा जिन लंगर वालों को नुक्सान हुआ है उनसे अगली बार की यात्रा के दौरान लंगर लगाने के लिए कोई फीस नहीं ली जाएगी। वहीं मंत्री ने कहा कि इस यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कई सुझाव सरकार के पास आए हैं तथा उनको आने वाले समय में अपनाया जा सकता है।