Edited By Vijay, Updated: 01 Jan, 2023 08:47 PM

नववर्ष के पहले दिन 54 हजार श्रद्धालुओं ने कांगड़ा के तीनों शक्तिपीठों में देवियों का आशीर्वाद लेकर नए साल की शुरूआत की। रविवार सुबह से ही मंदिरों में लंबी-लंबी कतारों में श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए थे।
धर्मशाला/कांगड़ा/ज्वालामुखी (टीम): नववर्ष के पहले दिन 54 हजार श्रद्धालुओं ने कांगड़ा के तीनों शक्तिपीठों में देवियों का आशीर्वाद लेकर नए साल की शुरूआत की। रविवार सुबह से ही मंदिरों में लंबी-लंबी कतारों में श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए थे। नववर्ष पर ज्वालामुखी में सबसे अधिक भीड़ रही। करीब 40 हजार श्रद्धालुओं ने ज्वालामुखी मंदिर में शीश नवाया। वहीं श्री नंदीकेश्वर धाम चामुंडा में 8 हजार और बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में श्रद्धालुओं की संख्या 6 हजार रही। मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए भंडारों का आयोजन भी किया गया था। वहीं धर्मशाला के साथ लगते कुनाल पत्थरी मंदिर में भी करीब 6500 श्रद्धालुओं ने मां का आशीर्वाद लिया।

ज्वालामुखी शक्तिपीठ में नववर्ष के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां ज्वाला की अखंड ज्योति के दर्शन कर नए वर्ष की शुरूआत की और मां ज्वाला का आशीर्वाद प्राप्त किया। नववर्ष की पूर्व संध्या से ही ज्वालामुखी में श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे। हालांकि मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई थीं लेकिन इसके बाद भी प्रशासन व पुलिस के लिए श्रद्धालुओं को व्यवस्थित कर पाना काफी कठिन साबित हुआ। कार्यकारी एसडीएम विचित्र सिंह ठाकुर ने बताया कि ज्वालामुखी मंदिर में नववर्ष पर अपेक्षा से अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिसके लिए प्रशासन ने व्यवस्था की हुई थी। उधर, डीएसपी चंद्रपाल सिंह का कहना है कि नववर्ष को देखते हुए मंदिर व यातायात व्यवस्था के लिए सुरक्षा कर्मियों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
माता श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा में नए साल के पहले दिन हजारों स्थानीय लोगों सहित बाहरी राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की। नववर्ष पर मंदिर के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया। नववर्ष पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त प्रबंध प्रशासन द्वारा किए गए थे। नए साल के स्वागत के लिए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं मंदिर में हवन व लंगर का आयोजन किया गया। कांगड़ा के वीरभद्र मंदिर, तारादेवी मंदिर, कालका मंदिर समीरपुर व जयंती माता मंदिर में भी श्रद्धालुओं की आवाजाही रही। इसके अलावा कई मंदिरों में भंडारों का भी आयोजन हुआ। कड़ाके की ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं ने कतारों में खड़े होकर मां के दर्शन किए। उधर, मंदिर सहायक आयुक्त नवीन तंवर ने बताया कि नववर्ष के अवसर पर मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुख्ता प्रबंध किए हैं।
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